एक बार फिर मंडराया टिड्डियों का खतरा
जिले से सटे मध्य प्रदेश प्रांत के रीवां में टिड्डियों के दल ने हमला करके फसलों को तबाह कर दिया है। इससे सोनांचल में एक बार फिर से टिड्डियों के आने की संभावना बढ़ गई है। अगर अब दोबारा टिड्डी का दल जिले में आया तो इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि किसान अब धान की नर्सरी तैयार करने में जुट गए हैं। इसको लेकर कृषि विभाग की तरफ से किसानों को अलर्ट कर दिया गया है। अभी कुछ दिनों पूर्व जिले के घोरावल तहसील क्षेत्र के करमा बहेरा ऐलाही सिरसिया ठकुराई पगिया रानीतारा एवं मुकरसिम गांवों में टिड्डियों के दल 27 मई को पहुंचने के बाद तबाही मचाया था। दो
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले से सटे मध्य प्रदेश प्रांत के रीवां में टिड्डियों के दल ने हमला करके फसलों को तबाह कर दिया है। इससे सोनांचल में एक बार फिर से टिड्डियों के आने की संभावना बढ़ गई है। अब दोबारा टिड्डियों का दल जिले में आया तो इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि किसान अब धान की नर्सरी तैयार करने में जुट गए हैं। इसको लेकर कृषि विभाग की तरफ से किसानों को अलर्ट कर दिया गया है।
अभी कुछ दिनों पूर्व जिले के घोरावल तहसील क्षेत्र के करमा, बहेरा, ऐलाही, सिरसिया ठकुराई, पगिया, रानीतारा एवं मुकरसिम गांवों में टिड्डियों के दल 27 मई को पहुंचने के बाद तबाही मचाई थी। दो दिनों तक तबाही मचाने के बाद टिड्डियों का दल एमपी व मीरजापुर की तरफ रवाना हो गया था। लेकिन अब फिर से जिले से सटे एमपी के रीवां सीमा पर पहुंचने से किसानों की चिता बढ़ गई है।
उप कृषि निदेशक डीके गुप्ता ने बताया कि टिड्डियों ने एक बडे़ तथा चार छोटे दलों में मध्य प्रदेश के रीवा जिले में आक्रमण किया है। हमारे जनपद की सीमा रेखा मध्य प्रदेश से सटी हुई है। इससे जिले में टिड्डी दल के आक्रमण की आशंका अभी भी बनी हुई है। जैसा कि टिड्डी दल अक्सर हवा की दिशा में उड़ते हैं। प्रति दिन ये 150 से 200 किमी. दूरी तय करते हैं। उन्होंने कहा कि किसान पूर्व में बताए गये सुझावों को अपनाते हुए टिड्डी दल के आक्रमण करने पर एक साथ इकट्ठा होकर ढोल नगाड़ों, टिन के डब्बे , थालियं आदि बजाते हुए शोर मचाकर इससे निजात पा सकते हैं।