नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्माचारिणी स्वरूप का हुआ पूजन-अर्चन
वासंतिक नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को भगवती के दूसरे स्वरूप ब्रह्माचारिणी की आराधना हुई। जगह-जगह मंदिरों में श्रद्धालुओं ने कोविड नियमों का पालन करते हुए मत्था टेका तो कई लोगों ने घरों से ही दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। कई जगह भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : वासंतिक नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को भगवती के दूसरे स्वरूप ब्रह्माचारिणी की आराधना हुई। जगह-जगह मंदिरों में श्रद्धालुओं ने कोविड नियमों का पालन करते हुए मत्था टेका तो कई लोगों ने घरों से ही दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। कई जगह भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। मातारानी के जयकारे से मंदिर के आसपास का क्षेत्र गूंजता रहा। राबर्ट्सगंज के शीतला माता मंदिर में सुबह करीब छह बजे ही श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति लगानी शुरू कर दी थी। मातारानी के श्रृंगार के बाद जैसे ही पट खुला, दर्शन-पूजन करने वाले लोग पांच-पांच की संख्या में दर्शन के लिए प्रवेश किए। शीतला माता की जय, मां दुर्गा की जय से क्षेत्र गूंजने लगा। मंदिर के बाहर भी तय दूरी पर भक्त कतार में लगे रहे। जो लोग जल्दी में थे, वे मंदिर के बाहर ही शीश नवाए और घर के लिए रवाना हो लिए। भक्तों की कतार में महिला, पुरुष बच्चे सभी नजर आए। आस-पास नारियल-चुनरी की दुकानों पर भी खरीदार दिखे। इसी तरह दुर्गा मंदिर, संतोषी माता मंदिर और सातों मइया मंदिर में भी श्रद्धालुओं की उपस्थिति दिखी।
कोन : स्थानीय थाना क्षेत्र में स्थित अमिला धाम में नौ दिनों तक विशेष आराधना की जाती है। यहां दूसरे दिन भी पड़ोसी राज्य झारखंड व छत्तीसगढ़ से भी लोग पहुंचे। जंगल व पहाड़ का इलाका होने के कारण यहां सतर्कता अधिक रही। कोन पुलिस लगातार चक्रमण करती दिखी। कोरोना के कारण इस बार श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। इसी तरह शक्तिनगर के ज्वालामुखी मंदिर, डाला के वैष्णो माता मंदिर में नवरात्र के दूसरे दिन श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया। रामगढ़ क्षेत्र में स्थित शीतला मंदिर, काली मंदिर आदि देवी मंदिरों में पूजन-अर्चन हुआ। जिले की सीमा से सटे चंदौली में स्थित अमराभगवती धाम में नौ दिवसीय अखंड पाठ चल रहा है। बदला-बदला दिखा नजारा
वासंतिक नवरात्र में हर साल देवी मंदिरों में भीड़ उमड़ती है। किसी के हाथ में नारियल होता है तो किसी के हाथ में थाल सजी होती है, कोई हाथ जोड़े माता रानी का जयकारा लगा रहा होता है। मंदिर की सीढि़यों से लेकर बाहर करीब पांच फीट तक लंबी कतार नजर आती थी। इस बार ऐसा नजारा कहीं नहीं है। बुधवार को नवरात्र के दूसरे दिन लोगों ने सभी अनुष्ठान अपने घर में ही किया। सुबह से लेकर दोपहर तक करीब-करीब हर घर में घंटे घड़ियाल व शंख की नाद सुनाई दी। आमतौर पर राबर्ट्सगंज के शीतला माता मंदिर, सातो शीतला माता मंदिर, दुर्गा मंदिर, डाला क्षेत्र के वैष्णो मंदिर, शक्तिनगर के मां ज्वालामुखी शक्तिपीठ में हजारों की भीड़ होती थी। इस बार ऐसा नजारा देखने को नहीं मिला। लोगों ने अपने-अपने घर में पूजन किया।