सौ क्विंटल धान बेचने वाले आपूर्ति विभाग की राडार पर
जागरण संवाददाता सोनभद्र पात्र गृहस्थी के तहत बने राशनकार्डों के बारे में अक्सर आपूर्ति विभाग।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पात्र गृहस्थी के तहत बने राशनकार्डों के बारे में अक्सर आपूर्ति विभाग को शिकायत मिलती है कि कई अपात्रों का कार्ड बना दिया गया है। कई ऐसे हैं जिनके पास चार पहिया वाहन भी हैं और वह सभी तरह से साधन संपन्न हैं, बावजूद इसके राशनकार्ड बनाया गया है। इसका सत्यापन जब आपूर्ति विभाग करता है तो शिकायत सही भी मिलती है। बाद में ऐसे लोगों का कार्ड निरस्त करना पड़ता है। ऐसे ही अपात्रों की जांच और सभी पात्रों के सत्यापन के लिए विभाग ने खास रणनीति बनाई है। धान खरीद के समय ही साधन संपन्न लोगों के पात्रता की जांच करने की तैयारी की गई है। जो किसान 100 क्विंटल या उससे अधिक धान बेचने के लिए पंजीकरण करा रहे हैं या बेचे हैं उन्हें आपूर्ति विभाग अपने राडार पर लेकर सत्यापन करेगा। उसी आधार पर उनका आर्थिक आकलन किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो आगे ऐसे लोगों का राशनकार्ड निरस्त भी किया जाएगा।
जिला पूर्ति अधिकारी डा. राकेश तिवारी ने बताया कि शासन से पत्र आया है कि पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों का सत्यापन करा लिया जाए। सत्यापन की कार्यवाही चल रही है। इसी कड़ी में पात्रता की जांच के लिए जो भी उचित माध्यम हैं उन्हें अपनाया जाएगा। बताया कि गत दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसान पंजीकरण करा रहे हैं। कई तो बेच भी रहे हैं। इनमें कुछ के बारे में पता चला है कि वे सौ क्विंटल या उससे अधिक की उपज बेचे हैं। यानी उनके पास इतना खेत है कि पात्र गृहस्थी की श्रेणी में नहीं हो सकते। इसलिए उनके आधार नंबर को अपने कार्यालय से मैच कराया जाएगा। राशनकार्ड अगर बना होगा तो खंड विकास अधिकारियों को सूची भेजी जाएगी। फिर आर्थिक आकलन होगा। अगर वे साधन संपन्न होंगे तो राशनकार्ड निरस्त भी किया जा सकता है। जब होता है सत्यापन जरूर मिलते हैं अपात्र
अपनी आर्थिक स्थित छिपाकर राशनकार्ड बनवाने वालों की संख्या कम नहीं है। शायद यहीं वजह है कि जब भी सत्यापन कराया जाता है तब कुछ न कुछ कार्डधारक अपात्र मिलते हैं। अभी गत दिनों कराए गए सत्यापन में करीब साढ़े चार सौ ऐसे लोग मिले जो दूसरे जनपदों में भी राशन लेते थे। कई ऐसे भी मिले जिनके नाम से राशनकार्ड भी बना था और दूसरे के कार्ड में उनका नाम भी था। आधारकार्ड से सत्यापन के दौरान ऐसे लोगों का नाम प्रकाश में आया तो उसे निरस्त करा दिया गया। सौ क्विंटल से अधिक 277 का पंजीकरण
धान खरीद के लिए अब तो 50 क्विटल का नियम बना दिया गया है, लेकिन कुछ लोग पहले ही बेच चुके हैं। हाल यह है कि शुरूआत से लेकर अब तक सौ क्विटल से अधिक धान बेचने के लिए पंजीकरण कराने वालों की संख्या 277 है। अब तक कुल 22 हजार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं।