उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य दे चार दिवसीय छठ पूजन का समापन
जागरण संवाददाता सोनभद्र हे सुरुज देव पूरा कर द अरजिया हमार. की विनती के साथ लोक आस्था का चार दिनी महापर्व छठ का गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन हो गया। कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने कच्चे दूध का शरबत पीकर पारण किया।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : हे सुरुज देव पूरा कर द अरजिया हमार. की विनती के साथ लोक आस्था का चार दिनी महापर्व छठ का गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन हो गया। कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने कच्चे दूध का शरबत पीकर पारण किया। इस दौरान सोनांचल के सभी छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। पूरी रात रतजगा कर छठ मइया की आराधना एवं छठ गीतों के गाने का दौर चलता रहा। जगह-जगह घाटों पर भोजपुरी छठ गीतों की सरिता बहाई गई। बिरहा मुकाबला, देवी जागरण, झांकी जैसे कार्यक्रमों से भी पर्व को यादगार बनाया गया।
राबर्ट्सगंज नगर क्षेत्र के राम सरोवर तालाब, अकड़हवा पोखरा, बढ़ौली तालाब, मेहुड़ी नहर, मरकरी नहर समेत जिले के तमाम जलाशयों के तटों पर बनाए गए पूजा घाटों पर सूर्योपासना के शाम ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर जो आराधना शुरु हुई वह सिलसिला गरुवार की सुबह तक जारी रहा। व्रतियों ने पूजा वेदी के पास रतजगा कर भोर होते ही व्रती महिलाएं और पुरुष पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य का इंतजार करते हुए पूजन-वंदन करने लगे। सूर्य उदय होने तक छठ गीत गान एवं छठ मइया के आराधना का क्रम जारी रहा। जैसे ही सूर्यदेव की लालिमा बादल से बाहर आई, व्रतियों के परिवार के लेाग पूजन सामग्री लेकर पानी के किनारे पहुंच गए, कमर भर पानी में खड़े होकर उपवास रखने वालों को सूरज देव को अर्घ्य अर्पित किया। इसके बाद सुख-समृद्धि एवं खुशहाली का आर्शीवाद मांगते हुए, खुशी-खुशी घर को लौट आए। पर्व को सकुशल संपन्न होने से सुरक्षा में लगे पुलिस के जवानों ने राहत की सांस ली। इसी तरह वैनी, मधुपुर, सांगोबांध, व गुरमा में भी महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया।
ऊर्जांचल के छठ घाटों पर प्रसाद लेने को उमड़ी भीड़
अनपरा : सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा ऊर्जांचल में गुरुवार को उगते सूर्य को अर्ध्य देकर व्रतियों ने अपना व्रत पूरा किया। डिबुलगंज 21 नंबर पुलिया छठघाट, अनपरा शिवमंदिर, कहुआनाला छठघाट, परासी, रेणुसागर, ककरी, बीना, शक्तिनगर स्थित चिल्काझील, खड़िया चैतन्यवाटिका, कोटा बस्ती बोर्ड प्वाइंट आदि छठ घाटों पर सुबह में मेले जैसा माहौल रहा। छठ घाटों पर सुबह चार बजे से ही आने का सिलसिला व्रतधारियों का शुरू हो गया। कुछ महिलाओं ने रात भर छठ घाट पर ही जागरण किया। चहुंओर बज रहे ड्रम-ढोल व आतिशबाजी से पूरा इलाका श्रद्वा से सराबोर रहा। भाष्कर भगवान की लालिमा देखते ही व्रतधारियों में उत्साह भर गया। विधि-विधान से सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित किया।
रिहंद में सादगीपूर्वक मनाया गया छठ पर्व
बीजपुर : एनटीपीसी की रिहंद स्टेशन के आवासीय कालोनी परिसर में स्थित लेक पार्क में बने सूर्य कुंड व शिव मंदिर प्रांगण में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सादगीपूर्वक वातावरण में छठ पर्व मनाया गया। लोगों ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाया। सूर्य कुंड व तालाब को लाइटों व झालरों के जरिए काफी आकर्षित बनाया गया था । उक्त स्थानों पर श्रद्धालुओं को नहाने, पूजा करने, वस्त्र बदलने आदि हेतु समुचित व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा गुरुवार की सुबह क्षेत्र के जरहा दुदहिया मंदिर, बीजपुर बाजार, अजीरेश्वर धाम, डोडहर, सिरसोती आदि स्थानों पर नदी, तालाबों, नहरों तथा जलाशय किनारे बने घाटों पर व्रतियों ने उगते सूर्य देव को दूसरा अर्घ्य दिया।