ओबरा-सी के रेल नेटवर्क की प्रक्रिया तेज
उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम की महत्वाकांक्षी ओबरा सी परियोजना के कई तकनीकि हिस्सों के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी दिख रही है ।उत्पादन निगम के निदेशक मंडल द्वारा निर्माण कार्य में और तेजी लाये जाने के लिए लगातार समीक्षा की जा रही है । ओबरा सी के रेल नेटवर्क के निर्माण की प्रक्रिया भी काफी
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम की महत्वाकांक्षी ओबरा-सी परियोजना के कई तकनीकी हिस्सों के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी दिख रही है। उत्पादन निगम के निदेशक मंडल द्वारा निर्माण कार्य में और तेजी लाने के लिए लगातार समीक्षा की जा रही है। ओबरा-सी के रेल नेटवर्क के निर्माण की प्रक्रिया भी काफी तेजी से चल रही है। पिछले वर्ष से ही बनाए जा रहे रेल यार्ड के तहत पटरियों की आपूर्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है।
दरअसल, निदेशक मंडल की अनुमति के बाद पटरियों की आपूर्ति का रास्ता खुल गया है। इससे नयी रेल लाइन का निर्माण शुरू हो जाएगा। इस लाइन से ही ओबरा-सी कोल यार्ड तक कोयला पहुंचेगा। इससे पहले 1500 मीट्रिक टन पटरियों की आपूर्ति एकल निविदा के आधार पर मेसर्स जिदल स्टील एंड पावर लिमिटेड से कराने पर विचार चल रहा था लेकिन, कुछ तकनीकी दिक्कतों के बाद खुली ई-निविदा आमंत्रित की गई। ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद पटरियों की आपूर्ति जल्द शुरू हो जाएगी। ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण के तहत बन रही ओबरा-सी के रेलवे नेटवर्क विकास के लिए रेल यार्ड में कार्य पिछले वर्ष ही शुरू हो गया था।परियोजना के रेल यार्ड में ओबरा अ और ब तापघर के लिए स्थापित रेल नेटवर्क में कई परिवर्तन किए जा रहे हैं। परियोजना कालोनी से सेक्टर सात के पास बन रहे कोल यार्ड को देखते हुए पुराने रेल ट्रैक में कई परिवर्तन किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ओबरा-सी के लिए आने वाले कोयले और तेल परिवहन के लिए रेलवे नेटवर्क विकसित करने में 42.90 करोड़ की अनुमानित लागत आएगी। पूर्व मध्य रेलवे के चोपन-सिगरौली रेलमार्ग के बगल में इस नेटवर्क को विकसित किया जा रहा है। बॉयलर वाटर एवं ज्वाइंट सहित किए जाएंगे कई परीक्षण
ओबरा-सी निर्माण के तहत 660 मेगावाट की पहली इकाई के बॉयलर हाइड्रो टेस्ट की तैयारी शुरू कर दी गई है। सम्भवत: मार्च के दूसरे सप्ताह में हाइड्रो टेस्ट शुरू कर दिया जाएगा। इसमें बॉयलर वाटर एवं ज्वाइंट सहित कई परीक्षण किए जाएंगे। उसके बाद बॉयलर लाइटप की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके अलावा चिमनी निर्माण में भी तेजी है। अभी तक 200 मीटर के करीब चिमनी का निर्माण हो चुका है। ओबरा-सी के लिए बन रही 275 मीटर की चिमनी के ऊपरी हिस्से के क्राउन की तरह दिखने के कारण इसका आकर्षण बढ़ रहा है। यह जनपद के सबसे ऊंचे स्थान में एक हो जाएगा। ओबरा-सी के 660-660 मेगावॉट की दोनों इकाइयों के लिए बन रही चिमनी आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है । डीपीआर को मिली मंजूरी
रेलवे द्वारा हमारे डीपीआर को दी गई मंजूरी के बाद रेलवे नेटवर्क विकसित करने की प्रक्रिया पिछले वर्ष शुरू की गई थी। मुख्य रेल मार्ग को कोल यार्ड की लाइनों को जोड़ने, पुरानी कुछ लाइनों को री-रूट करने सहित कई कार्य किये जा रहे हैं। रेल पटरियों की आपूर्ति के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। पटरियों की आपूर्ति के बाद रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा।
- कैलाश गुप्ता, महाप्रबंधक, ओबरा-सी।