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दुर्घटनाओं के बाद भी सुरक्षित यातायात को लेकर नहीं कोई तैयारी

जागरण संवाददाता सोनभद्र हर दिन दुर्घटनाओं के बाद भी प्रशासनिक तौर पर सुरक्षित।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:20 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:20 PM (IST)
दुर्घटनाओं के बाद भी सुरक्षित यातायात को लेकर नहीं कोई तैयारी
दुर्घटनाओं के बाद भी सुरक्षित यातायात को लेकर नहीं कोई तैयारी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : हर दिन दुर्घटनाओं के बाद भी प्रशासनिक तौर पर सुरक्षित यातायात को लेकर अब तक कोई भी तैयारी नहीं है। यातायात व्यवस्था पुराने ढर्रे पर है। सुरक्षित यातायात के लिए संकेतक व सिग्नल का अभाव है और इस दिशा में प्रशासन के पास कोई योजना भी नहीं है। शहरी इलाके में ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत महसूस होने लगी है।

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जिले की अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बड़े अभियान की जरूरत महसूस की जा रही है। हाईवे से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों व जिला मुख्यालय तक वाहन चालक यातायात के नियमों का पालन नहीं करते। इसके लिए कहीं न कहीं व्यवस्था भी दोषी है। जिले की तमाम महत्वपूर्ण सड़क पर डिवाइडर ही नहीं बने हैं। जनपद में तेलगुड़वा-कोन मार्ग, हाथीनाला-मुर्धवा मार्ग, मुर्धवा-म्योरपुर मार्ग, रेणुकूट-अनपरा मार्ग, हाथीनाला-दुद्धी मार्ग, दुद्धी-विढमगंज मार्ग पर डिवाइडर का अभाव है। दुर्घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि यहां कभी भी यातायात की व्यवस्था ही सटीक नहीं रही है। सड़कों पर फर्राटा भरते वाहनों के बीच हर दिन दुर्घटनाएं होती हैं। इस दुर्घटना में हर वर्ष दो सौ से अधिक लोगों की जान जाती है। दर्जनों लोग प्रति वर्ष दुर्घटना में घायल होकर अपंग हो जाते हैं। बावजूद इसके दुर्घटनाओं पर लगाम के लिए कोई बेहतर व्यवस्था नहीं है। हाल यह है कि प्रति वर्ष वाहनों की संख्या में तो वृद्धि हो रही है, लेकिन यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की कवायद करीब शून्य है। जिला मुख्यालय सहित जिले के किसी भी शहरी इलाके में ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था अबतक लागू नहीं हो सकी है। चाहे मुख्य सड़क हो या हाइवे, हर एक स्थान पर लोग सड़क पार करने के लिए किसी भी नियम व कायदा का पालन नहीं करते। अलबत्ता नाम के लिए कुछ स्थानों पर ट्रैफिक को रास्ता दिखाने के लिए कुछ जवान जरूर तैनात किए गए हैं। समस्या दूर करने का नहीं हुआ प्रयास

जिले में ट्रैफिक से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए अब तक कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। पिछले तीन-चार साल से शहरी इलाके में हर समय जाम की समस्या पैदा होने को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर पुलिस के डंडा के बल पर वाहनों के पहियों को आगे सरकाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। वाहनों के पहियों को आगे बढ़ाने के लिए भी कायदा कानून नहीं दिखता। डिवाइडर के नियमों का उल्लंघन

शहर के इलाकों में डिवाइडर बनाए गए हैं। इन डिवाइडरों पर भी नियमों का उल्लंघन सरेआम होता है। वाहन चालक अपनी मर्जी के अनुसार सड़क के लेन का इस्तेमाल करते हैं। जहां मार्ग फोरलेन है वहां आने वाले लेन पर वाहन जाते दिखाई देंगे। इस व्यवस्था पर लगाम लगाने की दिशा में अब तक कोई भी प्रयास नहीं हुआ है। गलत लेन पर चलने के कारण प्रतिदिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं। एसपी से वार्ता कर बनाई जाएगी योजना

पुलिस व्यवस्थित और दुर्घटना रहित यात्रा के लिए दृढ़ संकल्पित है। वाहन कंपनियों, टैक्सी व ट्रक यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर सुरक्षित यातायात के लिए प्लान तैयार करने की योजना बनाई जाएगी। उनसे प्रस्ताव मांगा जाएगा ताकि दुर्घटना पर रोक लगाई जा सके। - वागीस विक्रम सिंह, यातायात प्रभारी।

जब होंगे जागरूक, तब बनेगी बात

यातायात नियमों के पालन के लिए हर व्यक्ति को जागरूक होना पड़ेगा। ट्रैफिक नियमों का यदि हर व्यक्ति स्वत: ही पालन करने लगेगा तो व्यवस्था अपने आप सुधर जाएगी। रही बात कोई योजना की तो यह शासन स्तर से होगा।

- पीएस राय, एआरटीओ, प्रवर्तन।


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