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ताकत बढ़ाने के लिए नक्सली कर सकते घुसपैठ

जागरण संवाददाता खलियारी (सोनभद्र) बरसात में उफान मारती नदियों नालों व घने जंगलों का फायदा उठाकर नक्सली ताकत बढ़ाने के लिए घुसपैठ कर सकते हैं। यहीं वजह है कि चार राज्यों बिहार छत्तीसगढ़ झारखंड व मध्यप्रदेश की सीमा से लगने वाले जनपद के जंगलों व ग्रामीण अंचलों में कांबिग की जा रही है। नक्सलियों की घुसपैठ को रोकने के लिए फोर्स को अलर्ट करने के साथ ही खुफिया विभाग को चौकन्ना कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 06:47 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:47 PM (IST)
ताकत बढ़ाने के लिए नक्सली कर सकते घुसपैठ
ताकत बढ़ाने के लिए नक्सली कर सकते घुसपैठ

जागरण संवाददाता, खलियारी (सोनभद्र) : बरसात में उफान मारती नदियों नालों व घने जंगलों का फायदा उठाकर नक्सली ताकत बढ़ाने के लिए घुसपैठ कर सकते हैं। यहीं वजह है कि चार राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड व मध्यप्रदेश की सीमा से लगने वाले जनपद के जंगलों व ग्रामीण अंचलों में कांबिग की जा रही है। जिले का दुद्धी तहसील क्षेत्र झारखंड के गढ़वा जिला, नगवां ब्लाक बिहार के भभुआ और बभनी ब्लाक छतीसगढ़ के सूरजपुर जिला से सटा है। नक्सलियों की घुसपैठ को रोकने के लिए फोर्स को अलर्ट करने के साथ ही खुफिया विभाग को चौकन्ना कर दिया गया है।

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बरसात का मौसम नक्सलियों के लिए पूर्व में कारगर साबित रहा है। नदी नालों में पानी बढ़ने से फोर्स की पहुंच सीमित होने का फायदा पूर्व में नक्सली उठाते रहे हैं। इस दौरान जंगल भी घना हो जाता है। ऐसे ही वक्त में नक्सली घुसपैठ कर अपनी ताकत बढ़ाते रहे हैं। बेरोजगार युवकों को बहला फुसला कर नक्सली संगठन से जोड़ने की कोशिश की जाती रही है। बरसात के बाद जाड़ा आते ही बेरोजगारों के हाथों में हथियार थमा कर उन्हें जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। इस बात की पुष्टि पूर्व में हुई नक्सली घटनाओं से होती है। इसी वजह से पुलिस भी बरसात में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। बिहार सीमा से लगे रायपुर, मांची, कोन पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। प्रतिदिन जंगलों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। नक्सलियों की घुसपैठ को रोकने के लिए ग्रामीणों की भी मदद ली जा रही है। इनसे हर दिन की सूचनाएं एकत्रित की जा रही हैं। पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि नक्सलियों को घुसपैठ नहीं करने दिया जाएगा। सीमावर्ती थानों को अलर्ट कर दिया गया है और प्रतिदिन कांबिग की जा रही है। वारदात को अंजाम देकर फैलाई थी दहशत

जिले में नक्सलवाद वर्ष 1998 से 2012 तक रहा। वर्ष 2002-03 में गड़ाव गांव में नगवां ब्लाक के प्रमुख का घर नक्सलियों ने बम से उड़ा दिया थी। वर्ष 2006-07 में रानीडीह के उदय बैठा को नक्सलियों ने पुलिस का मुखबिर होने के शक में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। नगवां ब्लाक के सोहदाग में जयनारायन शाह और बांकी के रामदुलारे यादव के घर के सभी सदस्यों को घर से बाहर कर नक्सली ताला लगाकर चाभी साथ ले गए थे। 15 अगस्त वर्ष 2008 को प्राथमिक विद्यालय चरगड़ा में नक्सलियों ने काला झंडा फहराकर काला दिवस मनाया था। ये सभी घटनाएं बरसात के बाद जाड़े में अंजाम दी गई थी।


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