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विद्युत स्थानांतरण क्षमता में 400 मेगावाट की वृद्धि

प्रदेश में पिछले तीन वर्षों के दौरान विद्युत की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले एक दशक के दौरान मांग में 10 हजार मेगावाट तक की वृद्धि हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 08:41 PM (IST)
विद्युत स्थानांतरण क्षमता में 400 मेगावाट की वृद्धि
विद्युत स्थानांतरण क्षमता में 400 मेगावाट की वृद्धि

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : प्रदेश में पिछले तीन वर्षों के दौरान विद्युत की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले एक दशक के दौरान मांग में 10 हजार मेगावाट तक की वृद्धि हो चुकी है। ऐसे में मांग पूरी करने तथा सस्ती बिजली के स्थानांतरण में पारेषण क्षमता को लेकर हो रही बड़ी चिता काफी हद तक दूर कर ली गई है। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के अनुसार कुल स्थानांतरण क्षमता (टीटीसी) में प्रदेश ने चालू माह में 400 मेगावाट की वृद्धि की है। अब प्रदेश की विद्युत स्थानांतरण क्षमता 14500 मेगावाट हो गई है। इसके अलावा उपलब्ध स्थानांतरण क्षमता (एटीसी) में भी 400 मेगावाट की वृद्धि हुई है। बिजली की मांग के 21 हजार मेगावाट पार होने को देखते हुए प्रदेश की स्थानांतरण क्षमता में हो रही वृद्धि से विद्युत संकट दूर करने में सहूलियत हो रही है। हालांकि वर्तमान में लॉकडाउन के कारण मांग में कमी के कारण यूपी स्टेट लोड सेंटर को काफी राहत है। तीन वर्ष में छह हजार मेगावाट से ज्यादा वृद्धि

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मई 2019 से पहले कुल स्थानांतरण क्षमता 10700 मेगावाट थी। मई 2019 में यह बढ़कर 14100 मेगावाट पहुंच गयी थी। इससे पहल बीते सात जून 2018 को ही कुल स्थानांतरण क्षमता 9200 मेगावाट से 10700 मेगावाट पहुंची थी। तीन वर्षों में स्थानांतरण क्षमता में 6400 मेगावाट से ज्यादा की वृद्धि हो चुकी है। अप्रैल 2017 में स्थानांतरण क्षमता 7800 मेगावाट थी जिसमें लगातार वृद्धि जारी है। 15 मई 2017 को यह बढ़कर 8600 मेगावाट, अगस्त 2017 में 8700 मेगावाट तथा मार्च 2018 में यह बढ़कर 9200 मेगावाट हो गई थी। मांग और उपलब्धता के बने रिकार्ड

बीते वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में ही मांग और आपूर्ति के आधा दर्जन से ज्यादा बार रिकार्ड टूटे थे। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में जहां बिजली की अधिकतम प्रतिबंधित मांग 23 जुलाई को रिकार्ड 22599 मेगावाट तक पहुंच गई वहीं उपलब्धता भी रिकार्ड 21632 मेगावाट तक बनाने में सफलता मिली थी। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा प्रदेश बना जहां बिजली की मांग ने 22 हजार मेगावाट का आंकड़ा छुआ। पिछले वित्त वर्ष में ही लगातार छह बार बिजली के अधिकतम मांग का रिकार्ड बना। बीते 11 जून 2019 रात 20.24 बजे अधिकतम मांग 21954 मेगावाट तक पहुंच गई थी। इससे पहले 29 मई को 21699 मेगावाट, 28 मई को 21380 मेगावाट का नया रिकार्ड बना था। दरअसल, बीते 9 मई 2019 की रात में अधिकतम प्रतिबंधित मांग का वर्ष 22 मई 2018 को बना 20498 मेगावाट का रिकार्ड टूट गया था। 9 मई की रात को प्रतिबंधित मांग 20842 मेगावाट तक पहुंच गई थी। लेकिन इस रिकार्ड को पीछे छोड़ते हुए 10 मई 2019 को मांग पहली बार 21 हजार मेगावाट को पार कर 21281 मेगावाट पहुंच गई थी। वित्त वर्ष 2019-20 में ही बिजली की उपलब्धता का भी रिकार्ड बना,जब पहली बार 21 हजार मेगावाट से ज्यादा की आपूर्ति की गई। बीते 12 अगस्त 2019 को 21632 मेगावाट की उपलब्धता कर नया रिकार्ड बनाया गया। इससे पहले बीते 30 मई 2019 को प्रदेश के इतिहास में पहली बार 21493 मेगावाट की रिकार्ड उपलब्धता बनाई गई थी।


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