विद्यालय की सफाई कर शिक्षक बने स्वच्छता के प्रेरक
स्वच्छता के प्रति गम्भीरता के साथ सरोकार भी हो तो हर स्थान स्वच्छ नजर आयेगा। समाज के साथ नई पीढ़ी के लिए भी अगर प्रेरणा कारगर साबित होती है तो बदलाव नजर आयेगा ।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : स्वच्छता के प्रति गंभीरता के साथ सरोकार हो तो हर स्थान स्वच्छ नजर आएगा। समाज के साथ नई पीढ़ी के लिए भी अगर प्रेरणा कारगर साबित होती है तो बदलाव जरूर नजर आएगा। गत कई वर्षों से जिले की सर्वोच्चता सूची में लगातार नाम दर्ज करा रहे सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य ओपी राय का ऐसा ही मानना है। वे मानते हैं कि अगर आप प्रेरणा बन सकें तो इससे अच्छा कुछ नहीं होगा।
गत दो दशक से अपने विद्यालय की सफाई कर रहे श्री राय स्वच्छता को लेकर प्रेरणा बनते रहे हैं। 2013 में जब वे ओबरा में स्थानांतरित होकर आए तो उस समय विद्यालय में सफाई कर्मियों की कमी थी लेकिन उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। कार्यभार संभालने के अगले दिन ही वे हाथों में झाड़ू लेकर विद्यालय की सफाई में जुट गए। कई मौके पर उन्होंने शौचालयों की भी सफाई की। आज उन्हें देखकर विद्यालय के कई अन्य शिक्षक भी रोजाना प्रात: विद्यालय में आकर श्रमदान करते हुए सफाई करते हैं। ऐसा नहीं था कि वे ओबरा आने पर ही सफाई करने लगे। वे इससे पहले मुन्नी देवी सरस्वती विद्या मंदिर में भी लगभग दो दशकों तक नियमित सफाई करते रहे। श्री राय मानते हैं कि सफाई उनके लिए दैनिक योग की तरह है। साथ ही यह किसी देश सेवा से कम नहीं है। विद्यालय चूंकि देश का भविष्य बनाते हैं। इसलिए विद्यालय का वातावरण शुद्ध होगा तभी विद्यार्थियों का मन शिक्षा में लगेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्राथमिक शिक्षा वर्ग कार्यक्रमों में सफाई करने से मिली प्रेरणा को उन्होंने अपने जीवन में आत्मसात कर लिया। वे सुबह ही विद्यालय में पहुंच जाते हैं। उसके बाद विद्यालय के लगभग सभी हिस्सों में सफाई का कार्यक्रम शुरू हो जाता है। यही नहीं उसके बाद जब वे अपने निवास पर पहुंचते हैं तो वहां भी सफाई में जुट जाते हैं। उन्हें देखकर कालोनी के अन्य लोग भी अब रोजाना अपने घर के आसपास सहित मार्गों पर सफाई करते हैं। श्री राय कहते हैं कि स्वच्छता जीवन शैली का विषय है। इसे प्रशासनिक विषय के तौर पर ही नहीं देखा जाना चाहिए। हमारी जिम्मेदारी है कि नई पीढ़ी को हम शुद्ध वातावरण दें। जब हम संकल्पित होंगे तो स्वयं ही नई पीढ़ी भी स्वच्छता के लिए प्रेरित होगी और अपनी अगली पीढ़ी के लिए प्रेरक बनेगी।