ओवरलोड को लेकर खनन विभाग का हटा पहरा
जागरण संवाददाता सोनभद्र/गुरमा यातायात माह एक नवंबर से शुरू होने पर ओवरलोड वाहनों को
जागरण संवाददाता, सोनभद्र/गुरमा : यातायात माह एक नवंबर से शुरू होने पर ओवरलोड वाहनों को लेकर लगाया गया पहरा तीन दिन ही चल सका। अब उसे हटा लिया गया है। जब वाहनों की जांच हो रही थी तो टोल प्लाजा मारकुंडी से लेकर पटवध तक ओवरलोड ट्रकों की कतार लग गई थी, लेकिन अब ये ट्रकें धड़ल्ले से रात में निकल रहे हैं।
खनिज व परिवहन विभाग के कर्मियों के बैरियर पर जांच का आदेश मिलने के बाद ओवरलोड वाहन रात में पास हो रहे हैं। इसका खुलासा कई ट्रक संचालकों ने किया है। उनका कहना है कि मारकुंडी स्थित टोल प्लाजा से निकलने वाले ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई न होना सबसे बड़ा सबूत है। बैरियर पर चेकिग करने वाले कर्मचारी ले देकर ट्रकों को छोड़ दे रहे है। दो दिन पहले ऐसे छह ट्रकों को छोड़ा गया है। खनन विभाग के द्वारा एक से तीन नवंबर तक ओवरलोड वाहनों की जबरदस्त जांच की व्यवस्था मारकुंडी स्थित टोल प्लाजा पर की गई थी। जिससे ओवरलोड वाहनों की लंबी कतार पटवध, सलखन से लेकर मारकुंडी घाटी तक लग गई थी। जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था। शासन-प्रशासन के संज्ञान में आने के पश्चात भी चार नवंबर की रात से ही खनन और परिवहन विभाग की ड्यूटी लगने के बावजूद ओवरलोड वाहनों का संचालन किया जा रहा है। जांच के नाम पर वाहन स्वामियों से धन उगाही का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। इस संबंध में पीड़ित वाहन स्वामियों ने बताया कि पांच नवंबर की रात खनिज बैरियर द्वारा ओवरलोड और बिना परमिट के नाम से प्रति गाड़ी वसूली की गई है। न देने वाले वाहनों को चालान की धमकी भी दी जाती है।
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ओवरलोड वाहनों के संचालन की बात गलत है। ऐसे वाहनों के खिलाफ जांच अभियान जारी है। इसके अलावा सभी लीज धारकों व क्रशर प्लांट मालिकों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे वाहनों को ओवरलोड बालू व गिट्टी न दें।
- महबूब आलम, खनिज अधिकारी।