नहीं लिखी जातीं जन औषधि केंद्र की दवाएं, परेशान होते हैं मरीज
नहीं लिखी जाती हैं जन औषधि केंद्र की दवाएं परेशान होते हैं मरीज
नहीं लिखी जातीं जन औषधि केंद्र की दवाएं, परेशान होते हैं मरीज
- निजी कंपनियों की महंगे दर की दवाएं मेडिकल स्टोर से लेने को होते हैं विवश
- सीएमओ बोले, जन औषधि केंद्र की दवाएं लिखने को गाइड लाइन की ली जाएगी जानकारी
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : केंद्र सरकार ने गरीबों को सस्ती और अच्छी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले हैं, लेकिन डाक्टरों की मनमानी की वजह से इनका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। डाक्टर बड़ी कंपनियों की महंगी दवाएं ही लिख रहे हैं। इससे मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य महकमा इसको लेकर गंभीर नहीं है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्य चिकित्साधिकारी कहते हैं कि प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के पास जन औषधि केंद्र नहीं हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल के बाहर की दवाएं लिखने पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में मरीजों को जन औषधि केेंद्रों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले में छह प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र स्थापित हैं। इसमें से एक केंद्र तो जिला अस्पताल परिसर में ही है। एक केंद्र राबर्ट्सगंज रोडवेज के पास तो दूसरा दीपनगर क्षेत्र में है। इन केंद्रों पर कम ही मरीज दवा लेने के लिए जाते हैं। वजह यह है कि न तो सरकारी अस्पतालों में तैनात डाक्टर इन केंद्रों पर मिलने वाली जेनरिक दवाएं लिखते हैं और न ही प्राइवेट डाक्टर। अब तो ज्यादातर प्राइवेट डाक्टर अपने ही क्लिनिक, अस्पताल में मेडिकल स्टोर खोल रखे हैें और वहीं की दवा मरीजों को लिखते हैं। स्थिति ऐसी होती है कि यदि मरीज किन्हीं विशेष परिस्थितियों में बाहर की दवाएं लेना चाहें तो वे दवाएं उसे मिल ही नहीं पाएं। इन अस्पतालों में निजी कंपनियों की दवा की बिक्री करने वाले एमआर अक्सर अपने प्रोडक्ट का प्रचार करते देखे जा सकते हैं। सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों को निजी कंपनियों की महंगी दवाएं लिखी जाती हैं।
कहीं भी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में जन औषधि केंद्र नहीं हैं। सरकारी डाक्टर औषधि केेंद्र की दवा लिखेंगे या नहीं, इसको लेकर क्या गाइड लाइन है, इसकी जानकारी ली जाएगी।
डा. आरएस ठाकुर मुख्य चिकित्साधिकारी।
अस्पताल के बाहर की दवाएं लिखने पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रख है। ऐसे में बहुत जरूरी होने पर जन औषधि केंद्र की दवा लिखी जाती है। इस संबंध में चिकित्सकों को उचित निर्देश दिए जाएंगे।
डा. के कुमार, सीएमएस, जिला अस्पताल।