लाई-गुड़ से पटा बाजार, घरों में तैयार हो रहा पाक
तहसील मुख्यालय एवं आसपास के बाजारों में बुधवार का दिन तिल गुड़ लाई आदि मौसमी अनाजों से पटा हुआ था। सुबह से ही लोगों की भीड़ ऐसे दुकानों पर खरीदारी करते रहे।
जासं, दुद्धी (सोनभद्र) : तहसील मुख्यालय एवं आसपास के बाजारों में बुधवार का दिन तिल, गुड़, लाई आदि मौसमी अनाजों से पटा हुआ था। सुबह से ही लोगों की भीड़ ऐसे दुकानों पर खरीदारी करते रहे। पर्व के मद्देनजर तहसील मुख्यालय पर कई अस्थाई दुकान लगाकर लोगों के मांग के अनुरूप पर्व के महत्वपूर्ण लाई, गुड़, तिल्ली, मक्का, ज्वार आदि की बिक्री हो रही। हालांकि दुकानदारों ने बताया कि बाजार में रेडीमेड सामान मिलने की वजह से बिक्री में काफी कमी आई है। वहीं कुछ ने इसे महंगाई एवं बेरोजगारी को कारण बताया।
स्नान-दान की है आज विशेष महत्ता
अनपरा : मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर बुधवार को डिबुलगंज, काशीमोड़, औड़ीमोड़, अनपरा बाजार, ककरी, रेणुसागर, बीना स्थित बाजारों में लाई, चूड़ा, गुड़, तिलवा, तिलकुट के दुकानों पर जमकर खरीदारी हुई। गत वर्षों में दो दिन तक मनाया जाना वाला यह त्योहार इस बार 14 जनवरी को ही सभी जगहों पर मनाया जा रहा है। दाना भुनने वालों के यहां काफी भीड़ जमा रही। इस पर्व पर पतंग उड़ाने की मान्यता को लेकर बच्चों द्वारा पतंगबाजी शुरु कर दी गई है। इस पर्व पर गंगा एवं संगम में स्नान व दान की महिमा को लेकर तमाम लोग काशी एवं प्रयाग को रवाना हुए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नान कर सूर्यदेव की पूजा-अर्चना कर अन्न व तिल का दान करने से घर में सुख-संपत्ति, संतान और सहानभूति की वृद्धि होती है। इस दिन तिल का दान व ग्रहण करने की विशेष महत्ता है। दोपहर में दही के साथ चिउड़ा-गुड़ एवं रात्रि में खिचड़ी खाने की परंपरा इस पर्व में अनादिकाल से चली आ रही है।
बाजारों में उमड़ी रही भीड़
शक्तिनगर (सोनभद्र) : मकर संक्रांति पर्व को लेकर बुधवार को बाजारों में रौनक बना रहा। दाना भुनने एवं लाई, चूड़ा, गुड़, तिलवा दुकानों पर खरीदारों की भीड़ देर रात तक उमड़ी रही। बस स्टैंड बाजार, राजीव गांधी मार्केट पीडब्लूडी मोड़, खड़िया बाजार, चिल्काडाड़ बाजार सहित एनटीपीसी एवं एनसीएल के आवासीय परिसर स्थित शापिग काम्पलेक्स के दुकानों पर लोग शाम तक खरीदारी करते रहे। दाना भुनाने के लिए लोगों को लाइन लगाना पड़ा। मकर संक्रांति पर्व पर पहले लोग पर्व से सम्बंधित खाद्य पदार्थ घरों में ही बना लेते थे। लेकिन जबसे खाद्य सामाग्री बाजारों में मिलने लगे हैं तबसे लोग घरों में बनाने की बजाय बाजारों से ही खरीदने में सुगमता महसूस कर रहे हैं। रंग-बिरंगी पतंगों एवं मंझा खरीदने के लिए बच्चे व युवाओं में काफी उत्साह बना रहा।