पेट्रोल पंप पर क्या है ग्राहकों के अधिकार, यहां जानिए
इस परीक्षण के लिए पेट्रोल डालने वाले यंत्र के नोजल को साफ कर फिल्टर पेपर पर पेट्रोल की एक बूंद डाल दीजिए सामान्यत इसे दो मिनट के अंदर लुप्त हो जाना चाहिए।
पेट्रोल में मिलावट जांचने को फिल्टर पेपर परीक्षण
इस परीक्षण के लिए पेट्रोल डालने वाले यंत्र के नोजल को साफ कर फिल्टर पेपर पर पेट्रोल की एक बूंद डाल दीजिए, सामान्यत: इसे दो मिनट के अंदर लुप्त हो जाना चाहिए। अब इसका ध्यान दीजिए कि पेपर पर जिस जगह आपने पेट्रोल की एक बूंद डाली थी उस जगह का रंग थोड़ा गुलाबी हुआ कि नहीं, यदि पेपर गुलाबी हो जाता है तो पेट्रोल में कोई मिलावट नहीं है, लेकिन गुलाबी के अलावा कोई और रंग का धब्बा उस जगह पर बन जाता है तो समझिए कि पेट्रोल में मिलावट है। मात्रा चेक करने का अधिकार
प्रत्येक पेट्रोल पंप स्टेशन के लिए यह जरूरी है कि वह तेल की सही मात्रा की जांच के लिए अपने पास पांच लीटर का मापक रखे, जिसको प्रतिवर्ष वजन और जांच विभाग द्वारा मापा जाना चाहिए। ग्राहक चाहे तो मापक में पांच लीटर के पैमाने में यदि 25 मिलीलीटर का अंतर आता है, तो इसे स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन इससे अधिक अंतर आने पर आप पेट्रोल पंप मालिक के खिलाफ कार्रवाई करा सकते हैं। गुणवत्ता जांचने का अधिकार
ग्राहक को डीजल और पेट्रोल की गुणवत्ता की जांच करने का पूरा अधिकार है। उसे यह जानने का हक है कि उसके द्वारा खर्च किए जाने वाले रुपयों के बदले ठीक वस्तुएं या सेवाएं मिल रही हैं या नहीं। यहां करें शिकायत
अगर आपकी शिकायत पेट्रोल पंप पर या कंपनी के कर्मियों द्वारा नहीं सुलझाई जाती है तो आप केंद्रीय लोक शिकायत और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के पास जाकर करा सकते हैं। इसके पास जो भी शिकायत दर्ज कराई जाती है उसकी शिकायतों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा जनता के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी को भेजा जाता है।