पेयजल पुनर्गठन योजना में सिचाई विभाग का अड़ंगा
राबर्ट्सगंज पेयजल पुनर्गठन योजना में अब सिचाई विभाग की तरफ से अड़ंगा डाला जा रहा है। इससे इस साल गर्मी में भी नगरवासियों को शुद्ध पानी मिलना मुश्किल लग रहा है। 2015 में 96 करोड़ रुपये से शुरू की गई योजना को 2017 में पूरा करके नगर को पानी उपलब्ध कराना था।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : राबर्ट्सगंज पेयजल पुनर्गठन योजना में अब सिचाई विभाग की तरफ से अड़ंगा डाला जा रहा है। इससे इस साल गर्मी में भी नगरवासियों को शुद्ध पानी मिलना मुश्किल लग रहा है। 2015 में 96 करोड़ रुपये से शुरू की गई योजना को 2017 में पूरा करके नगर को पानी उपलब्ध कराना था। इस बीच धन नहीं मिलने के चलते चार साल तक यह योजना अधर में लटक गई थी। बाद में खनिज निधि से पैसा जारी होने के बाद काम फिर से शुरू कर दिया गया था। इसको लेकर पूरे नगर में पाइप बिछाने का काम अंतिम दौर में चल रहा था, लेकिन इसी बीच सिचाई विभाग की तरफ से जीएमसी नहर के पास पाइप क्रासिग के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं मिलने से योजना अधर में लटकती दिखाई दे रही है।
राबर्ट्सगंज पेयजल पुनर्गठन योजना में सिचाई विभाग की अड़ंगेबाजी ने परियोजना के कार्य तेजी पर ब्रेक लगा दिया है। रा-वाटर राइजिगमेन की जीएमसी नहर के पास पाइप क्रासिग के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं मिलने के कारण कार्य अगे नहीं बढ़ पा रहा है। इसके चलते नगर के लोगों को इस तपिश में पेयजल संकट से निजात मिलने की उम्मीद धरी रह गई है। इन सारी चीजों को लेकर जल निगम के एक्सईएन ने अपने चीफ इंजीनियर (मुख्य अभियंता) सहित अन्य को पत्र भेजकर हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। जिले की इकलौती नगर पालिका राबर्ट्सगंज में हर साल गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या खड़ी हो जाती है। इससे निजात दिलाने के लिए 2015 में पेयजल पुनर्गठन योजना के माध्यम से धंधरौल बांध से पाइप लाइन के माध्यम से नगर में शुद्ध पानी की आपूर्ति करने की परियोजना बननी शुरू हुई, लेकिन चार साल बीतने के बाद भी बजट के अभाव में यह योजना लटक गई थी। बाद में जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए डीएमएफ से 51.66 करोड़ रुपये देने का अनुमोदन दिया था। इस परियोजना के पूरा होने से करीब डेढ़ लाख लोगों को पेयजल मिलेगा। इसके बाद से इस पर तेजी से काम चल रहा था। अब सिचाई विभाग नहर प्रखंड मीरजापुर की तरफ से अड़ंगेबाजी ने इस पर ग्रहण लगा दिया है। नगर में बिछाई गई 85 किमी पाइप लाइन
करीब 96 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना के तहत शहर में चार ओवरहेड टैंक बनाए गए हैं, लेकिन उनकी टेस्टिग कराई जानी और छोटे-मोटे काम बाकी हैं। धंधरौल बांध पर जहां से पानी उठाया जाना है वहां इंटेकवेल भी बनकर तैयार हो गया है। पूरे राबर्ट्सगंज नगर में तेजी से काम करते हुए 85 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई जा रही है। लगभग काम अंतिम दौर में चल रहा है। वर्जन--
पेयजल पुनर्गठन योजना के लिए सिचाई विभाग नहर प्रखंड मीरजापुर की तरफ से जीएमसी नहर के पास पाइप क्रासिग के लिए एनओसी नहीं दी जा रही है। इसको लेकर कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके बाद जल निगम के मुख्य अभियंता समेत अन्य को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की की बात की गई है। इससे की परियोजना को समय से पूरा किया जा सके।
- फणीन्द्र राय, एक्सईएन जल निगम।
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धंधरौल बांध के पास इंटेकवेल बनाने के लिए जो एनओसी मिली है वह जल निगम से मांगी जा रही है। अगर वह एनओसी हमें दें दे तो हम उसे अपने चीफ इंजीनियर को भेज देंगे। इसके बाद नहर पर क्रासिग के लिए एनओसी मिल जाएगी।
- वैभव सिंह, एक्सईएन, नहर प्रखंड मीरजापुर।