अस्वीकृत दावों का परीक्षण कर स्वीकार करने का निर्देश
जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने शुक्रवार को राजस्व व वन विभाग के अधिकारियों के साथ वनाधिकार से जुड़े मामलों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासियों के प्राप्त निरस्त किए गए वनाधिकार के दावों का पुन परीक्षण राजस्व व वन विभाग के कर्मी करें।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने शुक्रवार को राजस्व व वन विभाग के अधिकारियों के साथ वनाधिकार से जुड़े मामलों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासियों के प्राप्त निरस्त किए गए वनाधिकार के दावों का पुन: परीक्षण राजस्व व वन विभाग के कर्मी करें। दावों के पुन: परीक्षण के दौरान ग्राम वनाधिकार समिति से प्राप्त रिपोर्ट को तहसील स्तरीय वनाधिकार समिति से परीक्षण कराकर जिले पर प्रस्तुत करें। हर हाल में वाइल्ड लाइफ फर्स्ट, अन्य बनाम भारत सरकार व अन्य पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
श्री राजलिगम ने जिले के उप जिलाधिकारियों, प्रभागीय वनाधिकारियों व राजस्व व वन विभाग के अधिकारियों के साथ पूर्व के अस्वीकृत दावों के सापेक्ष प्राप्त पुनर्विचार याचिकाओं पर गहनता से चर्चा किया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ ही वन व राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पूर्व में अस्वीकृत दावों का परीक्षण कर स्वीकार करने योग्य दावों को मेरिट के आधार पर वनाधिकार अधिनियम के तहत स्वीकार किया जाए। जो दावे अस्वीकार किये जाएं, उसका पूरा विवरण का परीक्षण कर संबंधित को संज्ञानित कराने के बाद भी अस्वीकार किया जाय। जिलाधिकारी ने कार्य में कम रूचि लेने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि समयबद्ध तरीके से टीम भावना से लगकर पूर्व के अस्वीकृत दावों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार दावों को पुन: परीक्षण कर नियमानुसार अंतिम रूप दिया जाए।