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जांच के नाम पर बरती जा रही उदासीनता

स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत माह से निजी चिकित्सकों प्राइवेट नर्सिंग होम अवैध क्लिनिक के खिलाफ चलाए गए जांच अभियान क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस जांच से नीम हकीमों व निजी चिकित्सकों में हड़कंप मचा है। इस तरह की दुकान अभी बंद नहीं हुआ है। क्षेत्र में निजी चिकित्सकों द्वारा गरीब जनता का दवा-इलाज के नाम पर आर्थिक शोषण व स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है क्षेत्र में उल्टी दस्त जैसी विभिन्न बीमारियों ने भी पैर पसारना शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 May 2019 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 06:40 PM (IST)
जांच के नाम पर बरती जा रही उदासीनता
जांच के नाम पर बरती जा रही उदासीनता

जासं, बीजपुर (सोनभद्र) : स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत माह से निजी चिकित्सकों, प्राइवेट नर्सिंग होम, अवैध क्लिनिक के खिलाफ चलाए गए जांच अभियान क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस जांच से नीम हकीमों व निजी चिकित्सकों में हड़कंप मचा है। क्षेत्र में निजी चिकित्सकों द्वारा गरीब जनता का दवा-इलाज के नाम पर आर्थिक शोषण व स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, क्षेत्र में उल्टी दस्त जैसी विभिन्न बीमारियों ने भी पैर पसारना शुरू कर दिए हैं।

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ग्रामीण अंचलों में सरकारी चिकित्सालय सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। सरकारी चिकित्सालयों में न तो दवा है और न ही चिकित्सक हैं। ऐसे में गरीब ग्रामीणों को क्षेत्र में संचालित निजी चिकित्सालय के डाक्टर ही सहारा बने हुए हैं, जो ग्रामीणों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शिकायतों के बाद कार्रवाई के नाम पर क्षेत्र के बकरीहवां, अंजानी, पिडारी, नेमना, जरहां, रजमिलान, डोडहर, सिरसोती समेत बीजपुर बाजार के चट्टी चौराहे पर संचालित प्राइवेट क्लिनिक की दुकानों के जांच के नाम पर धनउगाही की चर्चा जोरों पर है।

म्योरपुर सीएचसी के प्रभारी अधीक्षक राजीव रंजन की अगुआई में एक टीम विगत एक माह से जांच कर रही है। जांच टीम पहले क्लिनिक को बंद करती है, फिर तीन दिन के अंदर संचालक से पेपर दिखाने को कहती है उसके बाद कतिपय कारणों से क्लिनिक को खोलने का आदेश दे दिया जाता है। क्षेत्र के बकरीहवां, सेवकाडाड, चेतवा, बीजपुर, समेत अन्य ग्रामीण इलाके के दर्जनों डाक्टरों के यहां छापेमारी की गई। लेकिन तीन दिन बाद सभी को क्लिनिक खोलने का फरमान जारी कर दिया गया। लोगो का आरोप है कि गांवों से बीमार मरीज को लेकर जब सरकारी अस्पताल पर जाते हैं तो वहां डाक्टर ही नही हैं, विवश होकर निजी व नीम हकीम की शरण मे जाते हैं। ग्रामीणों ने जांच के नाम पर चलाए जा रहे अभियान की जांच कराकर करवाई की मांग जिलाधिकारी से की है। सीएमओ एसपी सिंह ने कहा कि संज्ञान में ऐसा मामला नही आया है। पूरे मामले की जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। राजीव रंजन ने कहा कि जब भी क्षेत्र में जांच करने जाते हैं तो निजी चिकित्सक दुकान बंद कर फरार हो जाते हैं। बकरीहवां स्थित एक निजी क्लिनिक पर छापेमारी कर सील करने की कार्रवाई की गई है, जल्द ही उस पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। गत दो दिन पूर्व बीजपुर में छापेमारी के दौरान तीन दिन का नोटिस दिया गया था, लेकिन संचालक द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है, उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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