डायरिया के मरीजों की बढ़ने लगी संख्या
स व डायरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 30 से 40 लोग बीमार होकर पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे सबसे अधिक हैं। हालत यह है कि जिला अस्पताल में बेड कम पड़ने लगा है। ऐसे में चिकित्सक ऐसे मरीजों को वैकल्पिक व्यवस्था कराकर काम चला रहे हैं। ग्रामीण अंचल के अस्पतालों में मरीजों की संख्या अधिक बढ़ रही है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : गर्मी के साथ ही लू लगने व डायरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 30 से 40 लोग बीमार होकर पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे सबसे अधिक हैं। कभी-कभी तो हालत यह हो जा रही है कि जिला अस्पताल में बेड कम पड़ जा रहे हैं। यही हाल निजी अस्पतालों में भी है। ग्रामीण अंचल के अस्पतालों में मरीजों की संख्या अधिक होने पर उन्हें चिकित्सक जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दे रहे हैं, ताकि उनको अधिक समस्याओं का सामना न करना पड़े।
गुरुवार को जिला अस्पताल में एक दर्जन से अधिक डायरिया के मरीज भर्ती कराए गए। वहीं कई ऐसे मरीज रहे जिन्हें दवा देकर छोड़ दिया गया। अस्पताल में बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन दूसरे विकल्पों पर भी काम करना शुरू कर दिया है। जिला अस्पताल में वैसे तो डायरिया पीड़ितों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है लेकिन इसके विस्तार की मांग भी तेज होने लगी है। मरीजों का कहना है कि डायरिया मरीजों के संपर्क में आने से दूसरे लोग भी इसके चपेट में आ जाएंगे, इसलिए इनकी व्यवस्था एक तरफ होनी चाहिए। जिला अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी के दिनों में खासतौर पर बच्चों में डायरिया के लक्षण बढ़ जाते हैं। इससे बचने के लिए बच्चों को बोतल से दूध का सेवन कराने से परहेज करें। इसके अलावा इस मौसम में बासी भोजन किसी भी सूरत में न प्रयोग करें। साफ हल्के सूती कपड़ों को पहनना चाहिए। कोशिश हो कि दिन में कम से कम दो बार नहाएं और हल्का भोजन करें।
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