अवैध शराब का सेवन जारी, दो की हो चुकी मौत
जागरण संवाददाता मधुपुर (सोनभद्र) राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के तीन गांव अवैध शराब के निर्माण व बिक्री में चर्चा में आते जा रहे हैं। खनन क्षेत्र वाले से सटे गांवों में महुआ से शराब बनाने के लिए भट्टियां धधक रही है लेकिन कार्यवाही न होने से ग्रामीणों की चिता बढ़ गई है। ग्रामीणों की मानें तो वर्ष 2019 में लोहरा व मधुपुर में इसी शराब के सेवन से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।
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जागरण संवाददाता, मधुपुर (सोनभद्र) : राबटर््सगंज कोतवाली क्षेत्र के तीन गांव अवैध शराब के निर्माण व बिक्री में चर्चा में आते जा रहे हैं। खनन क्षेत्र से सटे गांवों में महुआ से शराब बनाने के लिए भट्ठियां धधक रही हैं लेकिन कार्रवाई न होने से ग्रामीणों की चिता बढ़ गई है। ग्रामीणों की मानें तो वर्ष 2019 में लोहरा व मधुपुर में इसी शराब के सेवन से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।
राबर्ट्सगंज ब्लाक में स्थित सुकृत खनन क्षेत्र में महुआ से शराब धड़ल्ले से बनाई जा रही है। इसके अलावा बट, लोहारा व रमपथरा गांव में भी महुआ से शराब बनाने की कई भट्टिठयां मौजूद हैं। गिट्टी वाले खनन क्षेत्र में शुमार सुकृत में असंगठित श्रमिकों की तादाद अधिक है। इन गांव में बनने वाली अवैध शराब की खपत इस खनन क्षेत्रों में अधिक होती है। ग्रामीणों की मानें तो मधुपुर व लोहरा में वर्ष 2019 में दो लोगों की मौत अत्यधिक महुआ की शराब पीने से हुई थी लेकिन प्रशासन इस बात को नहीं मानता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि आबकारी व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई होती है, लेकिन वह विशेष अवसरों या घटनाओं पर। होली, दीपावली के समय यह छापेमारी बढ़ जाती है। दूसरे प्रदेश में अवैध शराब से मौत पर इन अधिकारियों की निद्रा खुलती है।
मधुपुर के रामसेवक मौर्य, अवधेश पटले, राजकिशोर सिंह आदि ने बताया कि अवैध शराब के निर्माण में यूरिया खाद व कई खतरनाक रसायन मिलाए जा रहे हैं। मानवाधिकार संगठन से जुड़े अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि अवैध शराब के साथ प्रतिदिन कोई न कोई पकड़ा जाता है। जेल भी जाता है, लेकिन छूटने के बाद वह फिर उसी अवैध धंधे में लिप्त हो जाता है।
जिला आबकारी अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अवैध शराब के निर्माण व बिक्री पर रोक लगाने के लिए हमेशा कार्रवाई की जाती है। सुकृत व मधुपुर क्षेत्र में भी टीम से छापेमारी कराई जाएगी।