रिहंद जलाशय में हो रहा अवैध खनन
स्थानीय थाना मयोरपुर क्षेत्र के पड़री ग्राम पंचायत के खंता टोले में रिहंद जलाशय से अवैध बालू का खनन जोरों पर हो रहा है। आलम यह है कि दिन रात बड़ी संख्या में ट्रैक्टर बालू के अवैध खनन में लिप्त हैं।
जासं, म्योरपुर (सोनभद्र) : थाना क्षेत्र के पड़री ग्राम पंचायत के खंता टोले में रिहंद जलाशय से बालू का अवैध खनन जोरों पर हो रहा है। आलम यह है कि दिन रात बड़ी संख्या में ट्रैक्टर बालू के अवैध खनन में लिप्त हैं। इसको लेकर प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। म्योरपुर थाना क्षेत्र के पड़री ग्राम पंचायत के खंता टोले में रिहंद जलाशय से बालू का अवैध खनन चर्चा का विषय बना हुआ है। दिन-रात सरपट दौड़ रहे ट्रैक्टरों की आवाज से गांव का माहौल अशांत हो गया है। दर्जनों की संख्या में ट्रैक्टर रिहंद जलाशय में बालू के अवैध खनन में लगे हुए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बावजूद प्रशासनिक अमले द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अवैध खनन से जहां उनके चलने के लिए बनाई गई सड़कें खराब हो रही हैं, वहीं खनन में लिप्त लोग महंगे दामों पर बालू बेच रहे हैं। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में यहां तैनात रहे उपजिलाधिकारी डा. विश्राम ने रात के अंधेरे में खनन करते हुए पकड़ा था। लगातार हो रहे खनन की शिकायतों के बावजूद धड़ल्ले से खनन जारी है। रिहंद जलाशय से हो रहे खनन को लेकर एनजीटी के याचिकाकर्ता बनवासी सेवा आश्रम कार्यकर्ता जेएन भाई ने कहा कि वर्ष 2014 से ही राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने रिहंद जलाशय में किसी प्रकार का कचरा छोड़ने या खनन पर रोक लगाई है। इसके बावजूद खनन बदस्तूर जारी है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी रामचंद्र यादव ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। कहा कि जांच कराकर संबंधितों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। लगातार हो रहे खनन से जहां ग्रामीणों के रिहंद जलाशय के घाट संकट में पड़ गए हैं, वहीं ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने तत्काल मामले की उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की मांग की है।