गुलामी में आनंद लेने लगें तो वह महसूस नहीं होता
जागरण संवाददाता गोविदपुर (सोनभद्र) वनवासी सेवा आश्रम के अतिथि गृह में सामाजिक कार्यकर्ताओं
जागरण संवाददाता, गोविदपुर (सोनभद्र) : वनवासी सेवा आश्रम के अतिथि गृह में सामाजिक कार्यकर्ताओं का मंगलवार को देर शाम तक एक दिवसीय विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वर्तमान में सामाजिक कार्यकर्ताओं की समाज मे काम करने और खुद की तैयारी को लेकर सर्वोदयी कार्यकर्ता व गांधी विचारक वर्षा किसान आंदोलन के संयोजक अविनाश काकड़े ने कहा कि गांधी हो या विनोबा आप किसी का भक्त मत बनिये, अन्यथा अच्छा बुरा भूल जाएंगे।
प्रशंसक और भक्त में अंतर है। प्रशंसक आलोचक हो सकता है। काकड़े ने कहा कि गांधी को आज दुनिया याद कर रही है, क्योंकि उनके बातों और कार्यों में भेद नही था। वे 2000 सालों में दुनिया के प्रभावशाली 50 लोगों में एक थे। आज कुछ लोगों की मजबूरी है उन्हें याद करना। कार्यकर्ताओ का आह्वान किया कि वे खुद से अच्छे कार्यो की शुरुआत करें। दूसरा क्या कर रहा है, इसके चक्कर मे मत पड़िये। उन्होंने महिलाओं को सम्मान देने का आह्वान करते हुए कहा कि घर में खुद भोजन बनायें और परोसे, बहन भाई का कपड़ा धोएं तो भाई को भी यही करने की आदत डालें। आज हम मानसिक गुलामी में सुख ढूढने के आदि हो जा रहे हैं। यह गुलामी का द्योतक है। कहा कि अमीरी गरीबी जीवन में अंतर यही है। जब हम खुद को दूसरे पर आश्रित होते हैं तो गुलामी की तरफ बढ़ते हैं। संविधान में आरक्षण इसी वजह से दिया गया ताकि उन्हे सम्मान मिल सके। कहा कि स्वराज्य लाने का प्रयास करना है तो खुद को स्वावलंबी बनना पड़ेगा। इस मौके पर विमल सिंह, शुभा प्रेम, देवनाथ केवला दुबे, उमेश चौबे, रमेश यादव, सुशीला, मीना देवी, शिवनारायण यादव, आदि मौजूद रहे।