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ऐसा ही रहा मानसून तो थम सकती है हाइवे की रफ्तनी

जागरण संवाददाता दुद्धी (सोनभद्र) मानसूनी बारिश की यदि यही हालत रही तो तहसील मुख्यालय के

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 05:43 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 05:43 PM (IST)
ऐसा ही रहा मानसून तो थम सकती है हाइवे की रफ्तनी
ऐसा ही रहा मानसून तो थम सकती है हाइवे की रफ्तनी

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : मानसूनी बारिश की यदि यही हालत रही, तो तहसील मुख्यालय के निकट बीड़र गांव के समीप लौवा नदी पर रीवा-रांची राष्ट्रीय मार्ग की रफ्तनी कभी भी ठप हो सकती है। इसे सुचारू रखने के लिए संबंधित महकमा के साथ ही स्थानीय प्रशासन के माथे पर चिता की लकीर सा़फ तौर पर देखने को मिल रही है। बहरहाल मिट्टी का कटान रोकने के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अभियंता अपनी मौजूदगी में पत्थर पिचिग कराने के साथ ही क्षतिग्रस्त अस्थाई मार्ग की मरम्मत कराने में जुटे हुए हैं।

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करीब पांच माह से ठप पड़ी लौवा नदी की जलधार गुरुवार को तड़के पूरे वेग के साथ चल निकली। आलम यह हुआ कि बीड़र गांव के समीप नदी पर पुल निर्माण के लिए बनाया गया अस्थाई परिवर्तित मार्ग की मिट्टी धसकने लगी। महज चार पाइप से जलधार निकालने की व्यवस्था पहले ही दिन फेल होती दिखी। नदी में जलधार बढने की खबर लगते ही पुल निर्माण में लगी कार्य दाई संस्था के लोग तड़के पहुंच कर अस्थाई रपटा में फंसी झाड़ झंकाड़ को सा़फ कराने के साथ मिट्टी कटिग वाले स्थानों पर बोल्डर आदि डालकर उसे मजबूत बनाने के अभियान में जुट गए। इस बीच मौके पर पहुंचे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अमित कुमार मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश देने के साथ ही जगह जगह दबी अस्थाई मार्ग में मिट्टी एवं पत्थर डालने का निर्देश दिया। मौ़का मुआयना करने के बाद तहसील प्रशासन ने आनन-फानन में संबंधित अधिकारियों के साथ राय मशविरा करने के साथ चेताया कि यदि रफ्तनी ठप हुई तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कितना है इस राष्ट्रीय राजमार्ग का महत्व

तहसील मुख्यालय से होकर गुजरने वाली केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 75ई) एक महत्वपूर्ण मार्ग है। नियमित तौर पर इस मार्ग से प्रतिदिन झारखंड, छत्तीसगढ़,पश्चिम बंगाल, उड़ीसा की ओर से आनेवाली हजारों भारी वाहन इसी मार्ग से उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों के लिए चलती है। इसमें अधिकतर मालवाहक के साथ सैन्य उपकरणों के ले जाने वाले वाहन होते है। इसके साथ ही आबकारी, एल्मुनियम, कोयला, सब्जी, फल आदि का भी ढुलान इसी मार्ग से होता है।


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