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ओबरा नगर पंचायत में गृहकर लागू

ओबरा नगर पंचायत की स्थापना के 25 वर्ष बाद गृहकर लागू कर दिया गया है।राजस्व वृद्धि के बढ़ते दबाब को देखते हुए नगर क्षेत्र में आपत्ति व् गजट के उपरान्त गृहकर लागू कर दिया गया है।पंचायत के बोर्ड बैठक में गृहकर की दर रु 120 वार्षिक प्रति कमरा की दर से निर्धारित किया गया है।व्यवसायिक दर 10

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 07:22 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 07:22 PM (IST)
ओबरा नगर पंचायत में गृहकर लागू
ओबरा नगर पंचायत में गृहकर लागू

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा नगर पंचायत की स्थापना के 25 वर्ष बाद गृहकर लागू कर दिया गया है। राजस्व वृद्धि के बढ़ते दबाब को देखते हुए नगर क्षेत्र में आपत्ति व गजट के उपरान्त गृहकर लागू कर दिया गया है। पंचायत के बोर्ड बैठक में गृहकर की दर 120 रुपये वार्षिक प्रति कमरा की दर से निर्धारित किया गया है। व्यवसायिक दर 10 प्रतिशत अधिक होगा व इसका स्वामित्व में प्रयोग नहीं किया जाएगा।

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दरअसल, राजस्व वृद्धि नहीं कर पाने वाले नगर निकायों का फंड कुछ माह पहले रोक दिया गया था। ओबरा नगर पंचायत के गठन के 25 वर्ष से ज्यादा होने के बावजूद अभी तक गृहकर नहीं वसूला जा रहा था, लिहाजा ओबरा नगर पंचायत पर गृहकर वसूलने का दबाब बढ़ते जा रहा था। अधिशासी अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि नगर पंचायत कार्यालय में गृहकर जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। गृहस्वामी मकान की रजिस्ट्री, बिजली का बिल, पानी कनेक्शन बिल, आधार कार्ड, टेलीफोन बिल, खतौनी एवं शपथ पत्र के साथ अपना गृहकर जमा कर सकते हैं।

बताते चलें कि ओबरा नगर पंचायत में 14 वार्ड परियोजना कालोनी के अंतर्गत हैं तथा शेष सात वार्ड गैर निगमीय क्षेत्र में हैं। इनमें परियोजना कालोनी अंतर्गत आने वाले लगभग पांच वार्डों का अस्तित्व ओबरा सी की वजह से समाप्त हो गया है। गैर निगमीय सात वार्डों में मौजूद मकानों पर गृहकर वसूला जाएगा। नगर पंचायत सीमा का होना है विस्तार

ओबरा-सी की स्थापना के कारण ओबरा नगर पंचायत के कई वार्डों की शक्ल सूरत पूरी तरह बदल गई है। 1320 मेगावाट क्षमता के ओबरा-सी की स्थापना ने प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नगर पंचायत के स्वरूप को काफी प्रभावित किया है। ओबरा-सी की वजह से पहले ही नगर पंचायत के दो वार्ड खत्म कर दिया गया था।अब ओबरा-सी की वजह से नगर पंचायत के 4 और वार्डों का अस्तित्व प्रभावित हो गया है। जिसके कारण नगर पंचायत क्षेत्र के विस्तार की प्रक्रिया चल रही है।जिसके तहत ग्राम पंचायत बिल्ली-मारकुंडी के कई वार्डों को नगर पंचायत क्षेत्र में जोड़ा जा रहा है। ओबरा से सटे बिल्ली-मारकुंडी ग्राम पंचायत के बिल्ली, गजराज नगर, भलुआ, खैरेटिया आदि टोलों में भारी पैमाने पर अर्बन इलाके जैसी आबादी बढ़ी है। इन टोलों में हजारों की संख्या में परियोजना के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और खनन क्षेत्र के व्यवसायियों ने अपना आवास बनाया हुआ है। लेकिन शहरी माहौल के बावजूद यहां पर बुनियादी विकास काफी बुरी हालत में है। खासकर मानसून के दौरान में बढ़ते शहरीकरण का बदत्तर नजारा देखने को इन क्षेत्रों में मिलता है। इन क्षेत्रों में जल निकासी की कोई प्रणाली नहीं होने के कारण जल जमाव की स्थिति पैदा हो जाती है। इन क्षेत्रों को नगर पंचायत के अंतर्गत लाने पर जहां इनका व्यापक विकास होगा वहीं गृहकर सहित अन्य करों के तौर पर राजस्व वृद्धि भी होगी।


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