विढमगंज से अनपरा तक होगा हाइवे का जीर्णोद्धार
विढमगंज से अनपरा तक होगा हाइवे का जीर्णोद्धार
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : उत्तर प्रदेश की सीमा में गड्ढे में तब्दील हो चुकी रीवा-रांची हाइवे के दिन बहुरने वाले हैं। राष्ट्रीय लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए हापुड़ की कार्यदायी संस्था को विढमगंज से हाथीनाला एवं मुर्धवा से अनपरा तक हाइवे को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी सौंपी है। कार्यदायी संस्था द्वारा इसके लिए क्षेत्र के दुम्हान गांव में कैंप कार्यालय के साथ ही अपना प्लांट तैयार करने में जुटी हुई है। करीब सौ करोड़ रुपये से होने वाले हाइवे के जीर्णोद्धार से झारखंड एवं मध्यप्रदेश के नियमित रूप से चलने वाले सैकड़ों भारवाहक वाहनों के साथ ही चार पहिया से यात्रा करने वाले यात्रियों को अब इस रूट पर हिचकोले खाकर यात्रा करने से मुक्ति मिलने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।
करीब दो साल से क्षतिग्रस्त एनएच 75ई रीवा-रांची राजमार्ग की उत्तर प्रदेश की सीमा में हाल बेहाल थी। इस रूट पर नियमित रूप से यात्रा करने वाले हजारों लोग सड़क पर बने बड़े बड़े गड्ढों से तौबा पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे। सोशल मीडिया पर भी हाइवे के इस भू-भाग की जमकर खिल्ली उड़ाई जा रही थी। तमाम शासकीय कवायद के बीच करीब छह माह पूर्व राष्ट्रीय लोक निर्माण विभाग के प्रस्तावना पर केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद जीर्णोद्धार की प्रक्रिया शुरू हुई। फरवरी माह में प्रथम चरण में महकमे ने हाथीनाला से विढमगंज तक राजमार्ग का जीर्णोद्धार कराने के लिए विधिक प्रक्रिया पूरी कर हापुड़ के कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य कराने की जिम्मेदारी सौंपी। लॉकडाउन की वजह से प्रक्रिया बाधित हो गया। लॉकडाउन के दौरान ही महकमे ने मुर्धवा से अनपरा तक के भी क्षतिग्रस्त राजमार्ग के जीर्णोद्धार का कार्य भी विधिक प्रक्रिया पूरी कर उसी कंपनी को जिम्मेदारी सौंप दिया है। दुम्हान में कार्यदायी संस्था ने जमाया डेरा
कोविड अनलाक एक शुरू होते ही कार्यदायी संस्था ने सर्वे कर दुद्धी क्षेत्र के दुम्हान गांव में अपना कैम्प कार्यालय बनवाने में जुटी हुई है। वहां कार्यालय के साथ ही मिक्सिग प्लांट का भी निर्माण जोर शोर से किया जा रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर विलियम चौधरी ने बताया कि बारिश की वजह से कुछ समस्या आ रही है। प्लांट में कांटा लगाया जा चुका है, सप्ताह भर का समय उसके पकने में लगेगा। इसके बाद सबसे पहली प्राथमिकता सड़क पर बने गड्ढों को भरने की होगी जिससे लोगों को तत्कालिक तौर पर राहत दिया जा सके। तीन लेयर में होना है जीर्णोद्धार
नेशनल हाइवे 75ई के जीर्णोद्धार कार्य के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए सहायक अभियन्ता अमित कुमार यादव ने बताया कि क्षतिग्रस्त मार्ग पर सबसे पहले मिट्टी की सफाई कर उसके गड्ढों को भरा जाना है। फिर 10 एमएम की गिट्टी के बाद मार्ग पर फाइनल पेंटिग की जाएगी।