थाली से हरी सब्जी गायब, आलू-पानी से चला रहे काम
जागरण संवाददाता सोनभद्र महंगाई की मार अब लोगों के किचन तक पहुंच गई है। पेट्रोलियम पदार्थों के साथ ही रोजमर्रा की वस्तुओं और सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। महिलाओं के किचन का बजट गड़बड़ाने लगा है। सब्जी का हाल यह है कि अब भोजन की थाली से हरी सब्जी गायब होती नजर नजर आ रही है। अब लोग आलू पानी से ही काम चला रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : महंगाई की मार अब लोगों के किचन तक पहुंच गई है। पेट्रोलियम पदार्थों के साथ ही रोजमर्रा की वस्तुओं और सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। महिलाओं के किचन का बजट गड़बड़ाने लगा है। सब्जी का हाल यह है कि अब भोजन की थाली से हरी सब्जी गायब होती नजर नजर आ रही है। अब लोग आलू पानी से ही काम चला रहे हैं।
महंगाई के कारण अब लोगों के भोजन की थाली से हरी सब्जी भी काफी मुश्किल से नजर आ रही है। छोटे परिवार के लोग तो किसी तरह खींचतान कर अपना काम चला रहे हैं, लेकिन सामूहिक रूप से रह रहे बड़े परिवार के लोगों के लिए प्रतिदिन हरी सब्जी खाना काफी मुश्किल होता जा रहा है। पिछले 15 दिनों में हरी सब्जियों के दामों में तेजी से उछाल आया है। गोभी, परवल, लौकी, नेनुआ, बैगन, भिडी, पातगोभी जैसी हरी सब्जियों के दामों में तेजी से उछाल आया है। 15 दिनों के भीतर इनके दामों में 10 से 20 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। इसका नतीजा यह है कि महिलाओं का किचन का बजट गड़बड़ा गया है। इतना ही नहीं हरी सब्जियां भोजन की थाली से गायब होती नजर आ रही हैं। गरीबों व माध्यम वर्गीय परिवारों से हरी सब्जी दूर होती नजर आ रही है। लोग आलू का ही प्रयोग ज्यादा कर रहे हैं। राबर्ट्सगंज निवासी शिवकुमार व अजय सिंह का कहना है कि महंगाई ने कमर तोड़ दिया है। जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है। हरी सब्जियों के दाम तो आसमान छूने लगे हैं। इससे अब आलू से ही ज्यादा काम चलाना पड़ रहा है। मंगला प्रसाद व किशन का कहना है कि हरी सब्जियों के दाम पिछले 15 दिनों में तेजी से बढे़ हैं, इससे घर के बजट पर असर पड़ने लगा है। इनसेट..
सब्जी 15 दिन पहले अब
आलू- 15 20
टमाटर- 40-60
गोभी- 25-40
परवल- 60-80
लौकी - 20-30
नेनुआ- 25-40
बैगन- 20-30
भिडी- 20-40
पातगोभी- 30-40
मटर- 180-200
शिमला मिर्च- 80-130