भगवान भरोसे है यहां बैंकों में सुरक्षा व्यवस्था
नक्सल प्रभावित जनपद सोनभद्र में वैसे तो करीब डेढ़ दशक से कोई बड़ी घटना नहीं हुई है लेकिन छोटी-मोटी घटनाएं कभी-कभार हो जाती हैं। बावजूद इसके यहां के बैंकों में सुरक्षा में सुरक्षा की व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। कहीं बुजुर्ग प्राइवेट गार्डों के सहारे तो कहीं होमगार्डों के सहारे सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। कई जगह तो तैनात गार्डों के पास असलहे भी नहीं है। वे साढ़े तीन फीट वाले डंडे के सहारे ही काम चलाते हैं। हां कहीं किसी घटना के होने व भीड़ वाले दिन स्थानीय पुलिस द्वारा सघन जांच अभियान जरूर चलाया जाता है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : नक्सल प्रभावित जनपद सोनभद्र में वैसे तो करीब डेढ़ दशक से बैंकों में कोई बड़ी घटना नहीं हुई है लेकिन छोटी-मोटी घटनाएं कभी-कभार हो जाती हैं। बावजूद इसके यहां के बैंकों में सुरक्षा की व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। कहीं बुजुर्ग प्राइवेट गार्डों के सहारे तो कहीं होमगार्डों के सहारे सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। कई जगह तो तैनात गार्डों के पास असलहे भी नहीं हैं। वे साढ़े तीन फीट वाले डंडे के सहारे ही काम चलाते हैं। हां, कहीं किसी घटना के होने व भीड़ वाले दिन स्थानीय पुलिस द्वारा सघन जांच अभियान जरूर चलाया जाता है।
गुरुवार को वाराणसी के चौबेपुर स्थित यूबीआइ की शाखा में हुई लूट की घटना के बाद जब जागरण ने सोनभद्र जिले के बैंकों की सुरक्षा का जायजा लिया तो पता चला कि यहां भगवान भरोसे ही सुरक्षा का इंतजाम है। राबर्ट्सगंज नगर के सभी 11 बैंकों में सर्वाधिक बैंक कचहरी रोड पर हैं, लेकिन यहां भारतीय स्टेट बैंक के पास ही दो सिपाही कभी-कभार दिखते हैं। बाकी यूपी इलाहाबाद ग्रामीण बैंक, ¨सडिकेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया में एक-एक होमगार्ड या प्राइवेट गार्ड रखे गए हैं। ये भी ज्यादा समय बैंक के अंदर वहां की कागजी कार्रवाई को पूरा कराने में व्यस्त रहते हैं। यानि अगर कोई व्यक्ति पैसा लेकर बाहर निकले और उसके साथ लूट की घटना हो जाए तो उसे पकड़ना मुश्किल हो जाएगा। यही स्थिति ग्रामीण इलाकों की भी है। शायद यही वजह है कि रामगढ़ में बीत दिनों इलाहाबाद बैंक की शाखा के अंदर एक व्यक्ति के झोले से पैसा चोरी हो गया और गार्ड हाथ मलते रह गए। सभी बैंकों में लगे हैं सीसीटीवी कैमरे
सुरक्षा कर्मियों की संख्या भले ही पर्याप्त नहीं है लेकिन बैंकों ने अपनी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा लगा रखा है। जिले के ग्रामीण और शहरी सभी क्षेत्रों की बैंक शाखाओं में कैमरे लगे हैं। कुछ के कैमरे बैंक परिसर के अंदर ही तो कुछ के बाहर तक कवर करते हैं। हालांकि उसमें भी कुछ बैंकों ने कंजूसी किया हुआ है। यही वजह है कि गत माह में यूनियन बैंक राबर्ट्सगंज की शाखा परिसर में लगे एटीएम को तोड़ने की कोशिश की गई। लेकिन बैंक के सीसीटीवी कैमरे में उसकी पूरी तस्वीर नहीं आ सकी। उलझे तार दे रहे दुर्घटना को न्योता
बैंकों में वैसे तो अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं, लेकिन जिस तरह की व्यवस्था है अगर इसमें सुधार नहीं हुआ तो किसी भी दिन बड़ी घटना हो सकती है। कोन क्षेत्र में स्थित इलाहाबाद बैंक परिसर में जिस तरह से तारों का जाल फैला हुआ है उससे तो यहां पहुंचने वाले उपभोक्ता भी डर जाते हैं। अभी हाल के दिनों में घोरावल थाना क्षेत्र के खरूआंव में स्थित इलाहाबाद बैंक की शाखा में जिस तरह से शार्ट सर्किट के कारण अगलगी की घटना हुई उससे तो हर बैंक प्रबंधन को सचेत होने की जरूरत है। बोले अधिकारी
बैंकों की सुरक्षा के मद्देनजर वहां सीसीटीसी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में प्राइवेट गार्ड रखे जाते हैं। भीड़ वाले दिन स्थानीय पुलिस भी रहती है। बीच-बीच में पुलिस चक्रमण भी करती रहती है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में जो बैंक हैं वहां स्थानीय थाने से किसी न किसी सिपाही की ड्यूटी जरूर लगती है।
- सुनील कुमार पांडेय, मुख्य प्रबंधक, मंडलीय कार्यालय, इलाहाबाद बैंक-मीरजापुर।