नए सबस्टेशन का निर्माण अब अंतिम दौर में
लगभग पांच दशक पुरानी ओबरा तापीय विद्युत कालोनी की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था काफी जर्जर हो गयी थी। आये दिनों हो रहे फाल्ट खासकर मानसून के दौरान रिकार्डतोड़ समस्या के कारण स्थिति काफी खराब हो गयी थी।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : लगभग पांच दशक पुरानी ओबरा तापीय कालोनी की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था काफी जर्जर हो गई थी। आए दिन हो रहे फाल्ट खासकर मानसून के दौरान रिकार्ड तोड़ समस्या के कारण स्थिति काफी खराब हो गई थी। ऐसे में अब चार दशक से पुराने सबस्टेशन की जगह बने नए सबस्टेशन से जल्द विद्युत आपूर्ति शुरू होने की संभावना है।
लगभग तीन करोड़ की लागत से गांधी मैदान में बन रहे 33/11 केवीए के सबस्टेशन का कार्य अंतिम दौर में है। वर्तमान में पुराने सबस्टेशन से ट्रांसफार्मर को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुराने सबस्टेशन से सेक्टर एक, दो, तीन, चार, पांच, छह एवं सात को विद्युत आपूर्ति होती है। जल्द ही गांधी मैदान में बने नए सबस्टेशन से इन सेक्टरों को विद्युत आपूर्ति चालू करने का प्रयास तेजी से चल रहा है। बहरहाल विद्युत कालोनी के लिए महत्वपूर्ण रहा सबस्टेशन जल्द ही ध्वस्त कर दिया जाएगा। निर्माणाधीन ओबरा-सी की जद में आने के कारण इसे नए जगह स्थानांतरित किया गया है। पुराने सबस्टेशन के ब्रेकर के पार्ट्स भी नहीं मिल पा रहे हैं साथ ही कई तकनीकी समस्या भी आ रही थी। ट्रांसफार्मर स्थानांतरण के दौरान सहायक अभियंता अदालत वर्मा, सत्येंद्र ¨सह एवं अवर अभियंता रमाकांत यादव मौजूद रहे। प्रोटेक्शन सिस्टम बढ़ाया गया
नए सबस्टेशन में सुरक्षा को लेकर नई तकनीकि का प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया गया है। पिछले कई मानसून स्तर के दौरान 100 से ज्यादा बार फाल्ट होता रहा है। खासकर ओबरा में पेड़ की संख्या काफी ज्यादा होने पर समस्या ज्यादा पैदा होती रही है। नए सबस्टेशन बनने के बाद विद्युत खंभों में करेंट नहीं उतरेगा, साथ ही विद्युत लाइन से पेड़ की डाल के स्पर्श होने पर विद्युत लाइन स्वयं ही बंद हो जाएगी। नए सबस्टेशन में नया स्वीचगेयर स्थापित किया जा रहा है, ब्रेकर की क्षमता को 400 से बढ़ाकर 800 एम्पियर किया गया है। सभी लाइनों को भी नया किया गया है। इससे कालोनी सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को सुचारु रूप से विद्युत आपूर्ति हो सकेगी। हालांकि निर्माण कार्य देख रहे सहायक अभियंता अदालत वर्मा ने बताया कि सभी लाइन नई बना दी गई लेकिन 1963 का बना ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है जिसके कारण सुचारु आपूर्ति की विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है। बताया कि अभी तक तीन एमवीए का ही ट्रांसफार्मर है जिसके जगह पर पांच एमवीए का ट्रांसफार्मर लगना चाहिए। जिससे लोड संबंधी दिक्कतें न आएं। सेक्टर नौ के लिए नई लाइन
सेक्टर नौ सबस्टेशन के लिए झरिया नाले से सेक्टर नौ तक नई 33 केवीए लाइन का निर्माण भी चल रहा है। इस लाइन को पूरी तरह से ओबरा-सी के क्षेत्र से बाहर से ले जाया जा रहा है। इसके अलावा लगभग 1.75 करोड़ की लागत से ओबरा-सी के कंस्ट्रक्शन पावर के लिए अ तापघर के स्वीचयार्ड के पास सबस्टेशन का निर्माण कराया गया है। इस आइसीटी से सीधे जोड़ा गया है।