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रेलवे के दोहरीकरण के कार्यों को वन विभाग ने देखा

करैला-शक्तिनगर रेलवे दोहरीकरण कार्य के अन्तर्गत आने वाले वन भूमि को लीज पर दिये जाने के लिए रेलवे ने आन लाइन आवेदन किया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 09:49 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 09:49 PM (IST)
रेलवे के दोहरीकरण के कार्यों को वन विभाग ने देखा
रेलवे के दोहरीकरण के कार्यों को वन विभाग ने देखा

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : करैला-शक्तिनगर रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य के तहत आने वाली वनभूमि को लीज पर दिए जाने के लिए रेलवे ने ऑनलाइन आवेदन किया था। मंगलवार को मीरजापुर के मुख्य वन संरक्षक ने रेलवे अधिकारियों के साथ सीमा से सटे क्षेत्रों का अवलोकन किया। बताया कि करैला-शक्तिनगर रेलवे लाइन के दोहरीकरण कार्य में उत्तर प्रदेश की सीमा से 56 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है।

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लगभग 20 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे के अधिकारियों ने भूमि को स्थानांतरित करने के लिए वन विभाग को पत्र लिखकर ऑनलाइन आवेदन किया था। मीरजापुर के वन संरक्षक प्रभाकर दुबे ने क्षेत्रीय बन अधिकारियों एवं रेलवे के संबंधित अधिकारियों के साथ बजरंग नगर के समीप भयावह नाला समेत जो भी भूमि वन विभाग के तहत आती थी उसका स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण में आये सभी अधिकारियों ने कास्तकार भूमि, आबादी, रेलवे की जमीन, पेड़-पौधे आदि का अवलोकन कर विचार-विमर्श किया। निरीक्षण के बाद भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इस दौरान रेलवे के चीफ इंजीनियर राकेश कुमार व अधिशासी अभियंता एसबी ¨सह, एमजीसीपीएल के प्रोजेक्टर मैनेजर संतोष ¨सह यादव ने बताया कि समय पर कार्य समाप्त करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रह है। इस दौरान अनपरा वन रेंज के रेंजर नवीन कुमार राय, डिप्टी रेंजर बीबी ¨सह, सहायक वन संरक्षक प्रशिक्षु विनय कुमार समेत आदि उपस्थित थे।


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