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फर्जी परमिट के साथ पांच अवैध बालू लदे वाहन जब्त

मध्यप्रदेश के सिगरौली सहित सोनभद्र के सीमावर्ती सोन नदी क्षेत्र में अवैध बालू खनन और परिवहन रुकने का नाम नही ले रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 05:23 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 11:41 PM (IST)
फर्जी परमिट के साथ पांच अवैध बालू लदे वाहन जब्त
फर्जी परमिट के साथ पांच अवैध बालू लदे वाहन जब्त

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : मध्यप्रदेश के सिगरौली सहित सोनभद्र के सीमावर्ती सोन नदी क्षेत्र में अवैध बालू खनन और परिवहन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। धड़ल्ले से एमपी के फर्जी परमिट पर बालू सोनभद्र के रास्ते प्रदेश के दूसरे जनपदों में भेजा जा रहा है। मंगलवार को ओबरा वन प्रभाग की टीम ने पांच वाहनों को फर्जी परमिट के साथ पकड़ा। इसमें दो ट्रक, एक हाईवा व दो टीपर को अगोरी खास में भरहरी-चोपन मार्ग पर पकड़ा गया। सभी वाहन सिगरौली के गढ़वा थाने के पिपरिया से अवैध बालू लाए जा रहे थे। मंगलवार प्रात: ओबरा वन प्रभाग के एसडीओ आरएस वर्मा ने चोपन की ओर जा रहे वाहनों को रोक कर जब परमिट की जांच की तो सभी वाहनों में स्कैन की गई परमिट पाई गई। सभी वाहनों को वन अधिनियम सहित कई धाराओं में सीज कर दिया गया है। टीम में उड़ाका दल प्रभारी टीपी सिंह, प्रेम चंद पटेल, सियाराम चौबे वनरक्षक, छविदर आदि शामिल रहे। इससे पहले पिछले सप्ताह ही खनन विभाग ने मध्यप्रदेश की सीमा के पास सोन नदी के तटवर्ती हिस्सों की जांच की थी। जांच में कुछ और घोरिया में 60 मीटर अवैध बालू खनन की पुष्टि हुयी थी। खनन विभाग के निरीक्षक जीके दत्ता ने तटवर्ती हिस्सों की जांच जीपीएस रीडिग सहित मैन्युअल तरीके से करने के बाद बताया था कि 60 मीटर में 600 घनमीटर के करीब अवैध खनन हुआ है। जुगैल थाने में पांच लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज कराई गयी थी।

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कई जगहों पर अवैध खनन जारी

एक जुलाई से बालू खनन बंद होने के बाद सोन नदी में अवैध बालू खनन के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। यही नहीं नियमित खदानों के बंद होने के कारण बालू को कई जगहों पर डम्प करने के साथ एमपी के फर्जी परमिट पर बेचा जा रहा है। वर्तमान में सोन नदी के तटवर्ती चौरा, विजौरा, बड़गावा, चतरवार, कुर्छा, घोरिया, सेमिया, छितिकपुरवा और कुड़ारी से लगातार अवैध बालू खनन की शिकायतें मिल रही है। उधर सिगरौली जनपद के चितरंगी ब्लाक में पिपरझर, देवरा, वर्दी, धरौली, चिकनी, खटाई, बिछी, बरवाडीह, ठटरा, मांचीकला, खेडार आदि तटवर्ती हिस्से में भी खनन किया जा रहा है।


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