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प्रथम स्वरूपा देवी शैलपुत्री का धूमधाम से पूजन

शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू हो गया। इस दौरान प्रथम दिन जहां देवी मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन को उमड़े वहीं घरों व मंदिरों में कलश स्थापना के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ भी शुरू हो गया। पहले दिन भक्तों ने मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री पूजन-अर्चन किया। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। प्रथम दिन कई घरों व मंदिरों में जौ की हरियाली बोई गई। जिसे रामनवमी के दिन में प्रसाद के रूप में

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 04:28 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 09:08 PM (IST)
प्रथम स्वरूपा देवी शैलपुत्री का धूमधाम से पूजन
प्रथम स्वरूपा देवी शैलपुत्री का धूमधाम से पूजन

जागरण टीम, सोनभद्र : शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू हो गया। इस दौरान प्रथम दिन जहां देवी मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन को उमड़े वहीं घरों व मंदिरों में कलश स्थापना के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ भी शुरू हो गया। पहले दिन भक्तों ने मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री पूजन-अर्चन किया।

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पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। प्रथम दिन कई घरों व मंदिरों में जौ की हरियाली बोई गई, जिसे रामनवमी के दिन में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए जिला मुख्यालय के शीतला देवी मंदिर, काली माता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ रही। राब‌र्ट्सगंज नगर के मेन चौक स्थित शीतला माता मंदिर पर सबसे अधिक भक्तों की भीड़ रही। इस दौरान पुलिस के जवान भीड़ को नियंत्रित करने में लगे रहे। ब्रह्मनगर स्थित मां दुर्गा पूजा सेवा समिति द्वारा रविवार को खराब मौसम को देखते हुए ध्वजा पूजन कार्यक्रम किया। कहा कि खराब मौसम को शांत करने के लिए कार्य किया गया है।

रामगढ़ : कस्बा स्थित मां दुर्गा देवी मंदिर, पुरानी बाजार स्थित मां शीतला मंदिर, मां दक्षिणेश्वरी काली धाम मंदिर, भवानी गांव स्थित मां फूलमती देवी मंदिर, नेवारी गांव स्थित सातों देवी, मां शीतला देवी मंदिर, पनिकप कला गांव मां वनदेवी, निपानिया गांव स्थित नौलखा देवी मंदिर समेत समस्त देवी मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

महुली : नवरात्र के प्रथम दिवस ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। हर कोई नवरात्रि के प्रथम दिन पर मां भगवती के स्वरूप का दर्शन कर निहाल हो जाना चाहता था। मंगला आरती के बाद दर्शन के लिए खुले कपाट

जासं, शक्तिनगर : शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन रविवार को रिमझिम बारिश के बीच भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आदि शक्ति मां ज्वालामुखी देवी का दर्शन-पूजन किया। मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया। बारिश से बचने के लिए श्रद्धालु मंदिर के बाहर लगे शेड में ही कई लाइन लगाकर अपनी बारी का प्रतीक्षा करते रहे। गर्भ गृह के पास खड़ी महिला एवं पुरुष पुलिस के जवान क्रमश: लोगों को दर्शन कराकर आगे बढ़ाते रहे। मंदिर के बाहर प्राचीन द्वार एवं सिंहद्वार के दोनों ओर माला-फूल एवं पूजन सामग्री की दुकानें सजी रहीं। मौसम खराब होने से अन्य वर्षों की अपेक्षा नवरात्र के पहले दिन दर्शनार्थियों की संख्या कम रही। इसीक्रम में डिबुगंज दुर्गामंदिर, अनपरा, रेणुसागर, ककरी, बीना, खड़िया, बैढ़न, सिगरौली, आदि क्षेत्रों में मां भगवती की विधि-विधान से पूजन कर शारदीय नवरात्र शुरु किया गया। बीजपुर प्रतिनिधि के अनुसार : रिहंद नगर, बीजपुर, जरहां, अनजानी, पिडारी, सिदूर आदि ग्राम पंचायतों में श्रद्धालुओं द्वारा अपने घरों की सफाई कर विधि-विधान से कलश स्थापित कर पूजन किया। ग्रामीण इलाकों में परंपरागत ढंग से देवी पूजन के लिए घरों में नौ दिनों के लिए जवारी रखी गई।

दुद्धी : स्थानीय काली मां के मंदिर पर रविवार की सुबह से ही भक्तों की भीड़ एकत्रित हो गई। मंदिर काफी प्राचीन व शक्तिपीठ रूप में विख्यात हैं। क्षेत्र के आदिवासियों का एक प्रमुख केंद्र है। यहां झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के अलावा कई अन्य प्रांतों से वर्ष भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है।


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