व्यक्तिगत शौचालय से लाभान्वित हुए दो लाख 96 हजार परिवार
जागरण संवाददाता सोनभद्र देश के अति पिछड़े (आकांक्षी) जिलों में शामिल सोनभद्र में नीति आयोग
जागरण संवाददाता, सोनभद्र: देश के अति पिछड़े (आकांक्षी) जिलों में शामिल सोनभद्र में नीति आयोग की देखरेख में कई कार्य हुए। स्वच्छता के क्षेत्र में हर घर शौचालय का निर्माण भी हुआ।
जिले में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत 296000 परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय दिए गए। प्रत्येक शौचालय के निर्माण के लिए 12 हजार रुपये दिए गए। इस तरह जिले में कुल 3 अरब, 55 करोड़ 20 लाख रुपये व्यक्तिगत शौचालय पर खर्च किए गए। इसका सार्थक परिणाम भी ग्राम पंचायतों में नजर आया। गांवों में खुले में शौच की परंपरा खत्म हुई, जिससे महिलाओं के साथ होने वाले अपराध पर काफी हद तक नियंत्रण लगा। लोगों स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया गया।
ऐसे परिवार जिनके पास व्यक्तिगत शौचालय के लिए जमीन नहीं है, ऐसे लोगों के लिए 629 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। इसके अतिरिक्त 13 हजार नए व्यक्तिगत शौचालयों का सर्वे होने के बाद पात्रों को धनराशि की भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। देश में स्वच्छ भारत मिशन अभियान 2 अक्टूबर वर्ष 2014 से शुरू हुआ। गांवों में स्वच्छता लाने के लिए शुरू किए गए इस अभियान का व्यापक असर हुआ। लोगों में जागरूकता इस कदर आई कि हर गांव में निगरानी समितियां गठित हुईं।
ग्राम प्रधानों ने घोषणा शुरू कर दी थी कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करता पाया गया तो उस पर आर्थिक दंड लगाया जाएगा। निगरानी समितियां भोर में व शाम को गांवों में खुले स्थानों पर निकल जाती थीं और यह देखती थीं कि गांव का कौन व्यक्ति खुले में शौच के लिए जा रहा है। समितियों में शामिल महिलाएं-पुरूष ऐसे लोगों को खुले में शौच जाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करते थे। स्वच्छ भारत मिशन से शौचालयों के लिए अरबों रुपये मिले, जिससे व्यक्तिगत शौचालय तो बने ही, सामुदायिक शौचालय भी बनें, ताकि ऐसे लोग जिनके पास व्यक्तिगत शौचालय बनवाने के लिए धन नहीं है वे सामुदायिक शौचालयों का प्रयोग करें। अब इसका असर गांवों में साफ दिखता है। सड़कों के किनारे से लेकर गांव के तमाम स्थानों पर सफाई बताती है कि लोगों में स्वच्छता को लेकर जागरुकता आई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में शौचालयों का प्रयोग लोग कर रहे हैं। खुले में शौच की परंपरा खत्म हुई है। इससे महिलाओं की सुरक्षा भी बढ़ी है। खुले में शौच जाने पर होने वाले खतरे से भी काफी हद तक निजात मिली है। जिले को 13 हजार नए व्यक्तिगत शौचालय बनवाने का लक्ष्य मिला है, जिसका सर्वे पूरा कर लिया गया है। उस पर धनराशि भेजने का भी कार्य चल रहा है। मार्च 2022 तक इन शौचालयों का निर्माण पूर्ण करा दिया जाएगा।
विशाल सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी, सोनभद्र।