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गोशाला में ठंड से सात बेजुबानों की मौत, दो गंभीर

स्थानीय ब्लाक के केवली गांव स्थित गौशाला में दो दिनों में ठंड से सात गायों की मौत हो गई। दो गायों की हालत गंभीर है। मामले को दबाने के लिए जिम्मेदारों ने शनिवार को चार व रविवार को तीन गायों को ट्रैक्टर से लादकर पास के केवली तिलौली नहर में फेंक दिया और कह रहे कि गोशाला में मवेशियों की मौत नहीं हुई है। मवेशियों की देखभाल करने वाले इस बात की पोल खोली।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 10:08 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 10:08 PM (IST)
गोशाला में ठंड से सात बेजुबानों की मौत, दो गंभीर
गोशाला में ठंड से सात बेजुबानों की मौत, दो गंभीर

जागरण संवाददाता, घोरावल (सोनभद्र) : स्थानीय ब्लाक के केवली गांव स्थित गौशाला में दो दिनों में ठंड से सात गायों की मौत हो गई। दो गायों की हालत गंभीर है। मामले को दबाने के लिए जिम्मेदारों ने शनिवार को चार व रविवार को तीन गायों को ट्रैक्टर से लादकर पास के केवली तिलौली नहर में फेंक दिया और कह रहे कि गोशाला में मवेशियों की मौत नहीं हुई है। मवेशियों की देखभाल करने वाले इस बात की पोल खोली।

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गोशाला में दु‌र्व्यवस्था है। गायों के लिए परिसर में चार शेड बनाए गए हैं। एक शेड में 50 गाय रखने की व्यवस्था है। उसकी क्षमता दो सौ गायों की क्षमता बताई जा रही है। पेट भरने के लिए दो भूसा कक्ष है, लेकिन भूसे के अलावा बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो इन बेसहारा पशुओं को मिलनी चाहिए। चूनी, चोकर, खरी नमक, हरा चारा की उपलब्धता नहीं है। 16 अक्टूबर 2020 को क्षेत्रीय विधायक द्वारा वृहद गो संरक्षण केंद्र का उद्घाटन किया गया था। उस समय गाय की संख्या कम थी लेकिन वर्तमान में उनकी संख्या बढ़कर 159 पहुंच गई है। बेजुबानों को कड़ाके की ठंड से बचाने का कोई व्यवस्था नहीं दिखी। तिरपाल के पर्दे जरूर डाले गए हैं लेकिन मवेशियों की पीठ पर बोरा या फिर अलाव का इंतजाम नहीं है।

समय से नहीं मिल रही मजदूरी

केवली गांव के निवासी दंपती प्रेमा तथा बैजनाथ मवेशियों की देखभाल करते हैं। दंपती ने बताया कि उन्हें समय से मजदूरी भी नहीं मिलती। पशु चिकित्सक डा. जय सिंह इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश में लगे रहे लेकिन केयर टेकर ने बताया कि दो दिनों में सात गायों की मौत हुई है।

गायों के मरने की सूचना मिली है। वहां तैनात चिकित्सक का कहना है कि नहर के पास मृत मिले मवेशी गांव के पशु पालकों की हैं। गोशाला में महज दो मवेशी काफी बीमार हैं, जो कभी भी दम तोड़ सकते हैं।

- डा. एके श्रीवास्तव, पशु मुख्य चिकित्साधिकारी।


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