सोनभद्र में मिला 174 करोड़ साल पुराना जीवाश्म
जनपद के बाड़ी क्षेत्र में मिला जीवाश्म सलखन के फासिल्स से भी 14 करोड़ साल पुराना है। यह दावा जिले में 25 जनवरी से आई तीन सदस्यीय विज्ञानियों की टीम ने रविवार को डाला के बाड़ी क्षेत्र स्थित पत्थरों के शोध के दौरान कही।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : बिल्ली-मारकुंडी के बाड़ी क्षेत्र के पहाड़ों पर मिला जीवाश्म लगभग 174 करोड़ साल पुराना है। प्रो. मुकुंद शर्मा के मुताबिक यह सलखन के फासिल्स से भी 14 करोड़ साल पुराना है। भू-विज्ञानी प्रो. मुकुंद शर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम 25 जनवरी से जिले में डेरा डालकर बाड़ी क्षेत्र में पत्थरों पर शोध कर रही है जो तीन फरवरी तक किया जाएगा। टीम के मुताबिक सलखन का फासिल्स 160 करोड़ साल ही पुराना है।
जीवाश्म का निर्धारण इंदिरा गांधी मुक्त विवि (दिल्ली) की डा. मीनल मिश्रा, अमेरिका स्थित सायरा क्रू विवि के डा. बिक फोर्ड व इंडियाना विवि के डा. अभिजीत बसु ने किया। प्रो. शर्मा ने बताया कि शोध टीम ने चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत कोटा के कोटा खास, ओबरा, चोपन व सलखन से लगभग 45 पैकेट टेस्ट के लिए एकत्र किए हैं, जिसे लखनऊ भेजा जाएगा। टीम के साथ आए बीएचयू के शोधकर्ता दिव्या सिंह व प्रद्युम्न सिंह इस पर पीएचडी करेंगे। प्रो. शर्मा ने बताया कि ये जीवाश्म उस समय के हैं जब पृथ्वी पर जीवन नहीं था। केवल वन ही थे। बताया कि इस पर एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को दिया जाएगा। इससे क्षेत्र को अच्छा बनाया जा सके। लोग प्राकृतिक धरोहरों को अच्छे से समझ सकें। कहा, स्थानीय लोगों को यह पता होना चाहिए कि कहां-कहां ऐसे जीवाश्म हैं। इसका अध्ययन करने के लिए जल्द भू-विज्ञानियों की समिति बनाई जाएगी। समिति में अधिकारी व पत्रकार भी शामिल होंगे।