एनएससी में फर्जीवाड़ा, नहीं दर्ज हो सकी एफआइआर
जिले के मुख्य डाकघर राबर्ट्सगंज में राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) जारी कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक ही क्रमांक की एनएससी अलग-अलग व्यक्तियों के नाम जारी करा दी गई। इसके लिए पहले वाली एनएससी को बंधक दिखाते हुए उसकी दूसरी कापी हासिल की गई।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले के मुख्य डाकघर राबर्ट्सगंज में राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) जारी कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक ही क्रमांक की एनएससी अलग-अलग व्यक्तियों के नाम जारी करा दी गई। इसके लिए पहले वाली एनएससी को बंधक दिखाते हुए उसकी दूसरी कापी हासिल की गई। इसके बाद उसे दूसरे के नाम हस्तांतरित (बिक्री) दिखा दिया गया। भुगतान के समय जब एक ही क्रमांक वाली एनएससी के दो दावेदार मूल बांड लेकर पहुंचे, तब धोखाधड़ी की परतें खुलनी शुरू हो गई।
एक व्यक्ति ने दो लाख का भुगतान भी ले लिया, लेकिन ऐन वक्त पर मामला प्रकाश में आने के कारण तत्काल भुगतान की गई रकम वापस ले ली गई। दिसंबर 2020 में इस मामले जांच पूरी हुई, तब अधीक्षक डाकघर मीरजापुर के यहां से एफआइआर के निर्देश दिए गए, लेकिन अब प्राथमिकी की पत्रावली पुलिस और डाक विभाग के बीच फंसी हुई है।
जून 2013 में राबर्ट्सगंज डाकघर से दो व्यक्तियों ने एजेंट के माध्यम से पांच साल के लिए चार-चार लाख की एनएससी खरीदी। जून 2018 में भुगतान के लिए दावा प्रस्तुत किया गया। एक ही क्रमांक की एनएससी के लिए दो व्यक्तियों ने दावेदारी की। उसमें भी एक व्यक्ति द्वारा पहले दूसरी प्रति, इसके बाद मूल प्रति भुगतान के लिए प्रस्तुत किया गया जिसके बाद मामला उलझ गया। पहले इस मामले को दबाया गया, लेकिन जब भुगतान मांगने वाला एक पक्ष जल्द भुगतान पर अड़ गया तो जांच शुरू की गई। जांच पूरी होने के बाद (उप मंडलीय निरीक्षक डाक की जांच रिपोर्ट के आधार पर) अधीक्षक डाकघर मीरजापुर मंडल ने विगत तीन फरवरी को प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कराने और दावा करने वाले को वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया। पोस्ट मास्टर रमेश कुमार तिवारी ने 18 फरवरी को कतिपय व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कोतवाली में तहरीर दी लेकिन पुलिस अब तक इस मामले में कोई एफआइआर दर्ज नहीं कर सकी। विभागीय स्तर व पुलिस की तरफ से उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद ही एफआइआर दर्ज करने की बात कहकर प्रकरण को लटकाया जा रहा है।
तीन बार दी गई मामले में तहरीर
पोस्ट मास्टर रमेश कुमार तिवारी ने बताया कि राबर्ट्सगंज कोतवाली में तीन बार तहरीर देने के अलावा दो वर्षों में विभागीय जांच की रिपोर्ट भी पुलिस को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट में सब कुछ स्पष्ट है। राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने की बजाय क्षेत्राधिकारी नगर से आदेश कराने की बात कर रही है। इधर क्षेत्राधिकारी राजकुमार त्रिपाठी का कहना है कि इस मामले की जानकारी हमें नहीं दी गई है, प्रभारी निरीक्षक से बात की जाएगी और उचित कार्रवाई होगी।
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अभी मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। कोतवाली में अगर इस तरह का मामला पहुंचा है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
- अमरेंद्र प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक।