गढ़वा-महदेहिया रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य हुआ पूरा
देश के सबसे व्यस्त मालवाहक रेलमार्गों में शुमार गढ़वा-सिगरौली के बीच विद्युतीकरण लगभग पूरा हो गया है। बीते शनिवार को पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य परियोजना निदेशक (विद्युतीकरण) एके चौधरी ने शेष बचे हिस्से में हुए कार्यों का निरीक्षण किया था।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : देश के सबसे व्यस्त मालवाहक रेलमार्गों में शुमार गढ़वा-सिगरौली के बीच विद्युतीकरण लगभग पूरा हो गया है। बीते शनिवार को पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य परियोजना निदेशक (विद्युतीकरण) एके चौधरी ने शेष बचे हिस्से में हुए कार्यों का निरीक्षण किया था। शेष हिस्से के तौर पर बचे शक्तिनगर से करैला रोड तक का विद्युतीकरण लगभग पूरा हो चुका है। बीते तीन जुलाई को करैला रोड से शक्तिनगर के बीच ट्रायल के तहत लोको चलाने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। अब कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) के निरीक्षण यात्रा की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके बाद इस शेष हिस्से पर भी इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। यह शेष हिस्सा कोयला लोडिग के लिहाज से काफी है।
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कई बार आ चुकी है विद्युतीकरण में बाधा
पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-सिगरौली रेलखंड के विद्युतीकरण में कई बार बाधाएं सामने आई। नवम्बर 2018 में रेलवे ने देरी के कारण विद्युतीकरण कर रही कंपनी ईएमसी लिमिटेड को टर्मिनेट कर दिया था। कंपनी को टर्मिनेट करने में विद्युतीकरण में देरी के साथ कई अन्य पहलुओं को भी जिम्मेदार माना गया था। विद्युतीकरण का कार्य वर्ष 2014 से चल रहा था जिसे 2016 में पूरा होना था। लेकिन वर्ष 2018 के अंत तक रेलखंड के बड़े हिस्से का कार्य पूरा नहीं हो पाया था। रेलवे न ईएमसी कंपनी के सभी भुगतान रोकते हुए कई तकनीकी कार्यवाही की थी। देरी की वजह से रेलवे ने ईएमसी पर नौ लाख प्रतिमाह का पेनाल्टी भी लगा दिया था।साथ ही रेट रिविजन की मांग भी ठुकरा दी थी। इसके कारण विद्युतीकरण का कार्य चार महीने तक रुका हुआ था। मार्च 2019 में पुन: विद्युतीकरण का कार्य शुरू हुआ। बताते चलें कि गढ़वा रोड-चोपन-सिगरौली रेलखंड के 257 किलोमीटर के हिस्से में विद्युतीकरण हो रहा है। अक्टूबर 2013 में रूट के हिसाब से 257 किमी लंबे गढ़वा रोड-सगरौली रेल मार्ग के विद्युतीकरण कार्य को अनुमति प्रदान की गई थी।
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वर्जन
करैला रोड से शक्तिनगर के बीच विद्युतीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। लोको ट्रायल भी हो चुका है। हम प्रयास कर रहे हैं कि सीआरएस का दौरा इसी माह के अंत तक हो जाए। विद्युतीकरण पूरा होने से रेलवे के ईंधन खर्च में कमी आने के साथ लोडिग में भी वृद्धि होगी। खासकर इलेक्ट्रिक से डीजल इंजन के परिवर्तन में खर्च होने वाला समय भी बचेगा।
- एके चौधरी, मुख्य परियोजना निदेशक (विद्युतीकरण), पूर्व मध्य रेलवे