यूपी में बिजली की मांग ने रचा इतिहास
जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) प्रदेश में मानसून की बेरुखी के कारण ज्यादातर जनपदों में बढ़ी उमस के कारण बिजली की मांग ने इतिहास रच दिया है। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश 24 हजार मेगावाट से ज्यादा मांग वाला दूसरा प्रदेश बन गया। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आकड़ों के अनुसार बुधवार रात 21.50 बजे अधिकतम मांग 24916 मेगावाट तक पहुंच गई थी। जिसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि मांग पहली बार 25 हजार मेगावाट के आंकड़े को भी पार न कर जाए। इससे पहले अधिकतम प्रतिबंधित मांग का रिकार्ड पिछले वर्ष 18 सितंबर 2020 को 23917 मेगावाट का बना था। बहरहाल रात 10 बजे के बाद उमस में कमी के कारण मांग में कमी आने लगी। जिसके बाद यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने राहत की सांस ली। जून माह के अंतिम सप्ताह में मानसून की कमजोरी के कारण बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। 30 जून को ही पूर्वी यूपी में जहां सामान्य से 97 फीसद कम बारिश हुई वहीं पश्चिम यूपी में सामान्य से 99 फीसद कम बारिश हुई।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : प्रदेश में मानसून की बेरुखी के कारण ज्यादातर जनपदों में बढ़ी उमस के कारण बिजली की मांग ने इतिहास रच दिया है। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश 24 हजार मेगावाट से ज्यादा मांग वाला दूसरा प्रदेश बन गया। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आकड़ों के अनुसार बुधवार रात 21.50 बजे अधिकतम मांग 24916 मेगावाट तक पहुंच गई थी। जिसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि मांग पहली बार 25 हजार मेगावाट के आंकड़े को भी पार न कर जाए। इससे पहले अधिकतम प्रतिबंधित मांग का रिकार्ड पिछले वर्ष 18 सितंबर 2020 को 23917 मेगावाट का बना था। बहरहाल रात 10 बजे के बाद उमस में कमी के कारण मांग में कमी आने लगी। जिसके बाद यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने राहत की सांस ली। जून माह के अंतिम सप्ताह में मानसून की कमजोरी के कारण बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। 30 जून को ही पूर्वी यूपी में जहां सामान्य से 97 फीसद कम बारिश हुई, वहीं पश्चिम यूपी में सामान्य से 99 फीसद कम बारिश हुई। बिजली आपूर्ति में भी रिकार्ड
प्रदेश सरकार का केंद्र के साथ अच्छा समन्वय होने के कारण बिजली आपूर्ति में भी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने इतिहास रच दिया है। पहली बार अभूतपूर्व रूप से 24 हजार मेगावाट से ज्यादा की बिजली आपूर्ति की गई। बुधवार रात 10 बजे के करीब 24574 मेगावाट की रिकार्ड बिजली उपलब्धता बनाई गई। इससे पहले सबसे ज्यादा उपलब्धता 16 सितंबर 2020 को 23867 मेगावाट की बनाई गई थी। बुधवार रात मांग के सापेक्ष उपलब्धता बनाने में यूपीएसएलडीसी को जमकर पसीना बहाना पड़ा। मांग पूरा करने के लिए केंद्रीय पूल से रिकार्ड 14292 मेगावाट बिजली आयात करनी पड़ी। इसके अलावा एनर्जी एक्सचेंज से भी 3084 मेगावाट बिजली जुटाई गई।