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बिजली की मांग में स्थिरता जारी

तापमान में स्थिरता के कारण बिजली की अधिकतम मांग में स्थिरता बनी हुयी है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 17 हजार मेगावाट से कम बनी हुयी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 05:21 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 05:21 PM (IST)
बिजली की मांग में स्थिरता जारी
बिजली की मांग में स्थिरता जारी

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : तापमान में स्थिरता के कारण बिजली की अधिकतम मांग में स्थिरता बनी हुई है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 17 हजार मेगावाट से कम बनी हुई है। गुरुवार को जहां पीक आवर के दौरान अधिकतम प्रतिबंधित मांग 16488 मेगावाट रही वहीं शुक्रवार अपराह्न तीन बजे मांग 10 हजार मेगावाट के करीब रही। पिछले एक सप्ताह के दौरान अधिकतम मांग में एक हजार मेगावाट तक की वृद्धि हुई है, फिर भी मांग में स्थिरता जारी है। पिछले एक सप्ताह में देखा जाए तो 23 जनवरी को अधिकतम मांग 16488 मेगावाट, 22 जनवरी को 16389 मेगावाट, 21 जनवरी को 16457 मेगावाट, 20 जनवरी को 16217 मेगावाट, 19 जनवरी को 15404 मेगावाट, 18 जनवरी को 15823 मेगावाट, 17 जनवरी को 15623 मेगावाट तथा 16 जनवरी को अधिकतम मांग 14680 मेगावाट के करीब रही। मांग में स्थिरता के कारण स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर को आपूर्ति संकट नहीं हो रहा है। तापमान में कमी बने रहने के कारण अभी कुछ दिनों तक मांग के स्थिर रहने की संभावना है। कई इकाइयों की बंदी से बढ़ सकती है मुसीबत

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वर्तमान में उत्पादन निगम की कई इकाइयों की बंदी से बिजली की उपलब्धता में कमी बनी हुई है। शुक्रवार को जहां ओबरा की 200 मेगावाट की एक इकाई बंद हो गयी वहीं पहले से कई इकाइयां बंद चल रही हैं। फिलहाल मांग के स्थिर होने के कारण वर्तमान में दिक्कत नहीं है, लेकिन मांग बढ़ने पर स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के लिए आने वाले दिनों में दिक्कतें बढ़ सकती है। शुक्रवार को ओबरा नौ वीं इकाई बंद हो गयी। जिसके बाद ओबरा में मात्र एक इकाई ही उत्पादनरत है। जिससे समाचार लिखे जाने तक 135 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। उधर अनपरा अ तापघर की 210 मेगावाट वाली एक इकाई गुरुवार को ब्वायलर ट्यूब लीकेज के कारण बंद हो गयी। इससे पहले अनपरा डी से उत्पादन शून्य होने के कारण प्रदेश को एक हजार मेगावाट के करीब बिजली नहीं मिल पा रही है। अनपरा डी की 500 मेगावाट वाली सातवीं इकाई बीते 13 जनवरी को जनरेटर ट्रांसफार्मर में ब्लास्ट के कारण बंद चल रही है। वहीं छठवीं इकाई वार्षिक अनुरक्षण के कारण बंद चल रही है। इसके अलावा ओबरा की 200 मेगावाट वाली तीन इकाइयां लम्बे समय के लिए बंद हैं। समाचार लिखे जाने तक उत्पादन निगम की इकाइयों से 1912 मेगावाट तथा निजी इकाइयों से 2518 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर रिहंद और ओबरा जल विद्युत घर की कुल छह इकाइयों से 220 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा है। जिसमे रिहंद जलविद्युत परियोजना से 163 मेगावाट तथा ओबरा की दो इकाइयों से 57 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा खारा परियोजना की एक इकाई से 8 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।


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