खनन क्षेत्र में मजदूरों के लिए लगेंगी पेयजल की टंकियां
जागरण संवाददाता, डाला (सोनभद्र): तेज धूप हो या कड़ाके की ठंड, हर मौसम में पत्थर की खदानों में परिश्रम करने वाले मजदूरों को काम के बाद शुद्ध पेयजल नसीब नहीं होता।
जागरण संवाददाता, डाला (सोनभद्र): तेज धूप हो या कड़ाके की ठंड, हर मौसम में पत्थर की खदानों में परिश्रम करने वाले मजदूरों को काम के बाद शुद्ध पेयजल नसीब नहीं होता। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने डाला खनन क्षेत्र में पांच-पांच हजार लीटर की टंकियों को लगाने के साथ ही पांच फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाने की योजना बनाई है। इससे अब खनन मजदूरों को पेयजल की समस्या से निजात मिलेगी।
डाला खनन क्षेत्र में हजारों मजदूर रोजाना काम करते हैं। यहां मजदूरों को दशकों से पीने का शुद्ध पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। इसके कारण मजदूरों को पेयजल के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता था। गंदे पानी के सेवन के कारण ही गरीब मजदूरों को नाना प्रकार की बीमारियों से रोज जूझना पड़ता है। कमाई का आधा पैसा बीमारियों को ठीक कराने में ही खर्च हो जाता है। जिलाधिकारी अमित कुमार ¨सह ने बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र का गहनता से दौराकर यहां समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने उसी समय शुद्ध पेयजल मजदूरों को मुहैया कराने का आश्वासन दिया था।
इस संबंध में यूनिसेफ प्रोजेक्ट यूनिट जलनिगम के एक्सईएन एसके कर्णधार ने बताया कि 69 लाख की योजना से डाला खनन क्षेत्र में पांच-पांच हजार लीटर की पांच टंकिया अलग-अलग पांच स्थानों पर स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही फ्लारोइड रिमूवल प्लांट की भी स्थापना की जायेगी। यह सौर उर्जा आधारित होगी। इसमें बिजली कटने पर कोई झंझट नहीं रहेगा।