जिला जेल में धमके डीएम व एसपी, किया निरीक्षण
जिला जेल के अंदर से कहीं आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा तो नहीं मिला रहा वहां के बंदियों द्वारा कहीं किसी संदिग्ध गतिविधि में हाथ तो नहीं आजमाया जा रहा है। जो लोग बंदियों से मिलने आ रहे हैं वे कौन लोग हैं कैसे उनकी मुलाकात करायी जाती है। इसकी पड़ताल के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ 12 टीम बुधवार की सुबह ही गुरमा स्थित जिला जेल में धमक पड़ी। अचानक पहुंची टीम को देखकर जेल के बंदी रक्षकों बंदियों व वहां के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। करीब एक घंटे तक टीम ने कोने-कोने की जांच की और स्थितियों का जायजा लिया। हालांकि यहां कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली।
जागरण संवाददाता, गुरमा (सोनभद्र): जिला जेल के अंदर से कहीं आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा तो नहीं मिला रहा, वहां के बंदियों द्वारा कहीं किसी संदिग्ध गतिविधि में हाथ तो नहीं आजमाया जा रहा है। जो लोग बंदियों से मिलने आ रहे हैं वे कौन लोग हैं, कैसे उनकी मुलाकात करायी जाती है। इसकी पड़ताल के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ 12 टीमें बुधवार की सुबह ही गुरमा स्थित जिला जेल में धमक पड़ी। अचानक पहुंची टीम को देखकर जेल के बंदी रक्षकों, बंदियों व वहां के अधिकारियों में अफरातफरी मच गई। करीब एक घंटे तक टीम ने कोने-कोने की जांच की और स्थितियों का जायजा लिया। हालांकि यहां कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली।
जेल के बंदी रक्षकी अभी अपनी ड्यूटी की अदला-बदली कर ही रहे थे कि करीब आठ बजे जिलाधिकारी एस राजलिगम और पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव जेल परिसर में धमक पड़े। जेल का मेन गेट जब खोला गया और डीएम-एसपी के साथ 12 टीमें प्रवेश की तो आस-पास के लोगों को लगा कोई बड़ा मामला है। टीम में शामिल अधिकारी व कर्मचारी जब अलग-अलग हिस्से में पहुंचकर एक साथ जांच शुरू किया तब पता चला कि यह औचक जांच है। करीब एक घंटे में टीम ने नालियों से लेकर मेस, बंदियों के विश्राम स्थल, चिकित्सालय, तन्हाई बैरक, सहित अन्य स्थानों पर पहुंचकर जांच किया। बंदियों के पास मौजूद बैग आदि की भी पड़ताल की गई। यह देश जेल के कर्मचारी लगातार इस चिता में पड़े रहे कि कहीं कोई संदिग्ध वस्तु न मिल जाए। एक घंटे के बाद जब अधिकारी निकलने लगे तब राहत की सांस ली की। जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के साथ साफ-सफाई को देखते सिलाई प्रशिक्षण केंद्र, पुस्तकालय की भी जांच की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि जेल में कहीं कोई संदिग्ध वस्तु का उपयोग तो नहीं हो रहा, वहां बंदियों को मिलने वाली सुविधाएं कैसी हैं इसकी जांच की गई। जांच के दौरान सबकुछ सामान्य पाया गया। सुरक्षा के लिए पुलिस अधीक्षक ने जरूरी निर्देश जेल अधीक्षक को दिया। इस मौके पर एएसपी ओपी सिंह, अभयनाथ त्रिपाठी, तीन सीओ, आठ इंस्पेक्टर सहित पुलिसकर्मी शामिल थे।