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निदेशक ने अनपरा-डी में आग का जाना हाल

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की 2630 मेगवाट की अनपरा तापीय परियोजना के एक हजार मेगावाट क्षमता की अनपरा डी की सातवीं इकाई के टरबाइन जनरेटर में बुधवार को लगी आग के मामले में बुधवार की देर सायं अनपरा तापीय परियोजना पहुंचे तकनीकी निदेशक ने आलाधिकारियों के साथ बैठक कर घटना के बिन्दुओं पर गहन मंत्रणा की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 07:08 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 09:25 PM (IST)
निदेशक ने अनपरा-डी में आग का जाना हाल
निदेशक ने अनपरा-डी में आग का जाना हाल

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम की 2630 मेगावाट की अनपरा तापीय परियोजना के एक हजार मेगावाट क्षमता की अनपरा-डी की सातवीं इकाई के टरबाइन जनरेटर में लगी आग के मामले में गुरुवार की देर शाम अनपरा तापीय परियोजना पहुंचे तकनीकी निदेशक ने आलाधिकारियों के साथ बैठक कर घटना के बिन्दुओं पर गहन मंत्रणा की।

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तकनीकी निदेशक अजीत कुमार तिवारी ने एनटीपीसी व बीएचईएल के अधिकारियों के साथ घटना स्थल का निरीक्षण कर गहन मंत्रणा की। उन्होंने हर बिन्दुओं की बारीकी से जानकारी लेते हुए घटना के तह में जाने का प्रयास किया कि टरबाइन जनरेटर में किस हिस्से में पहले आग लगी और क्यों लगी। इस दौरान अनपरा तापीय परियोजना के भी अधिकारी व कर्मचारी निदेशक तकनीकी के साथ सुबह से लेकर शाम तक लगे रहे। अनपरा के अतिथि गृह में निदेशक तकनीकी श्री तिवारी ने कहा कि मामला गंभीर है। घटना की जांच के लिए बाहर से एक्सपर्ट बुलाए गए हैं जो जल्द ही परियोजना में पहुंचेंगे। आग से क्षतिग्रस्त हुई मशीन को खुलने पर ही सही आकलन की जानकारी हो पाएगी।

विदित हो कि घटना की जांच के लिए शासन स्तर से टीम गठित कर दिया गया है। जिसकी अध्यक्षता निदेशक तकनीकी अजीत कुमार तिवारी कर रहे हैं। जांच कमेटी को 15 दिन के अंदर घटना के कारणों की रिपोर्ट देनी है। इस दौरान परियोजना के दोनो इकाइयों से उत्पादन गुरुवार को भी शून्य रहा। 6वीं इकाई को लेकर अधिकारी उत्पादनरत करने के लिए प्रयासरत हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार तक 6वीं इकाई को उत्पादनरत कर लिया जाएगा। विदित हो कि बुधवार को डी तापीय परियोजना की 7वीं इकाई के टरबाइन जनरेटर में अचानक आग लग जाने से परियोजना में अफरा-तफरी का माहौल था। घटना स्थल पर सुरक्षा कड़ी

राकेट इंजीनियरिग तकनीकी के बाद दूसरे नंबर पर विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया आती है। शासन द्वारा गठित जांच कमेटी को भी घटना का मूल कारण जानने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। घटना स्थल को बैरीकेडिग कर वहां सीआइएसएफ की तैनाती कर दी गई है।


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