डीसी मनरेगा पर 50 हजार रुपये मांगने का आरोप
घोरावल ब्लाक के कुसुम्हा ग्राम पंचायत के प्रधान ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर डीसी मनरेगा पर जांच रिपोर्ट बदलने के लिए पचास हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया है। प्रधान ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए टीम के माध्यम से मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : घोरावल ब्लाक के कुसुम्हा ग्राम पंचायत के प्रधान ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर डीसी मनरेगा पर जांच रिपोर्ट बदलने के लिए पचास हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया है। प्रधान ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए टीम के माध्यम से मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
कुसुम्हा के ग्राम प्रधान श्यामलाल विश्वकर्मा ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में कहा कि गत दिनों ग्राम पंचायत के कैशबुक को बदलने के आरोप में कोतवाली घोरावल में एफआइआर कराया गया। कहा कि कैशबुक तथा अन्य सभी अभिलेख ग्राम पंचायत सचिव के पास होता है। इसके साथ ही कूप निर्माण, जगत मरम्मत सहित अन्य कार्यों में भी कुछ अनियमितताओं की शिकायत कुछ विरोधियों द्वारा की गई थी। उसी के आधार पर डीसी मनरेगा को जांच अधिकारी नामित किया गया। आरोप है कि 26 सितंबर को डीसी मनरेगा जांच करने के लिए गांव में गए थे। वहां बात के दौरान घर के अंदर बुलाकर ले गए और पचास हजार रुपये की व्यवस्था करने के लिए कहे। साथ ही कहा कि अगर इतने का इंतजाम हो जाएगा तो बचा लेंगे। अन्यथा कार्रवाई की रिपोर्ट लगा देंगे। पैसे का इंतजाम न करने के कारण विरोध में जांच आख्या दे दिए और एफआइआर दर्ज कराई।
इस संबंध में डीसी मनरेगा तेजभान सिंह ने कहा कि आरोप निराधार है। मेरे अलावा अन्य दो अधिकारियों ने भी जांच की थी तो अनियमितता मिली। वहां एक लाख 89 हजार रुपये का गबन किया गया है। दूसरे का कूप दूसरे के यहां बनवा दिया गया। पहले से बने चबूतरा का निर्माण दिखाकर पैसा निकाल लिया गया। सबसे बड़ी गड़बड़ी तो कैशबुक बदलने की है।