बगैर मैकेनिकल इंजीनियर के गेट का निर्माण
उत्तर प्रदेश झारखंड एवं छत्तीसगढ़ के सीमांत पर स्थित अमवार में विकास क्रांति की धूरी के रूप में निर्माणाधीन कनहर बांध के लिए सिचाई महकमें द्वारा अभी तक किसी मैकेनिकल इंजीनियर की तैनाती नही की गई है। इनका कार्य सिविल के इंजीनियरों से लिया जा रहा है। मैकेनिकल इंजीनियर की देखरेख में निर्मित होने वाले सोलह रेडियल गेटों में से ग्यारह का निर्माण बगैर सरकारी इंजीनियर की उपस्थिति के बिना हो चुका है। इसके लिए विभाग वहां तैनात सिविल इंजीनियर कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के भरोसे ही अपना काम चला रहे है। इसकों लेकर लोगों में भारी भरकम बांध की सुरक्षा को लेकर चिता सताने लगी है7
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : उत्तर प्रदेश, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ के सीमांत पर अमवार में निर्माणाधीन कनहर बांध के लिए सिचाई महकमे द्वारा अभी तक किसी मैकेनिकल इंजीनियर की तैनाती नहीं की गई है। इनका कार्य सिविल इंजीनियरों से लिया जा रहा है। आश्चर्य तो यह है कि 16 रेडियल गेटों में से 11 का निर्माण बिना मेकेनिकल इंजीनियर की मौजूदगी में कर दिया गया। हालात यह है कि पूरा काम कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के भरोसे ही किया जा रहा है। अब तो बांध की सुरक्षा को लेकर चिता सताने लगी है। 2238 करोड़ की लागत से बन रहा है बांध
अमवार में 2238 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन कनहर सिचाई परियोजना के मुख्य बांध में लगने वाले 16 रेडियल गेटों के निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। कारण मुख्य बांध की ऊंचाई का कार्य लगभग समापन की ओर है। अब बारिश बाद वहां गेटों को लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इसमें सबसे बड़ी हैरत की बात यह सामने आई कि किसी भी बड़े परियोजना में सिविल एवं मैकेनिकल इंजीनियरों की तैनाती की जाती है। यहां ऐसा नहीं हुआ है। मैकेनिकल का काम भी सिविल इंजीनियरों द्वारा ही कराया जा रहा है, जो मानक के विपरीत हैं। इस बाबत गेट निर्माण की जिम्मेदारी संभाले खंड दो के अधिशासी अभियंता राम आशीष चौरसिया ने बताया कि अभी उस तरह के कार्य नहीं हो रहे है। कंपनी के कार्यशाला में उनके सक्षम इंजीनियरों की देखरेख में काम कराया जा रहा है। कंपनी के कार्य पर नजर रखने के लिए एक विशेषज्ञ अभियंता को तैनात किया गया है। मुख्य बांध पर गेट लगाने के लिए मैकेनिकल इंजीनियर की तैनाती के लिए शीर्ष अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। ----------
अभी बांध में लगने वाले गेटों का निर्माण अलग कारखाना में कराया जा रहा है। उसमें कार्यदायी कंपनी के योग्य इंजीनियरों के साथ ही विभाग की ओर से एक विशेषज्ञ सहायक अभियंता को नियुक्त किया गया है। मुख्य बांध पर गेट लगाने के पूर्व में ही वहां मैकेनिकल इंजीनियरों की तैनाती कर दी जाएगी। उनकी देखरेख में ही गेट लगाने का सिलसिला शुरू होगा।
- डीके मिश्रा, मुख्य अभियंता, कनहर सिचाई परियोजना।