बिल्ली रेलवे स्टेशन के गिरते राजस्व पर बढ़ी चिता
जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) उप खनिजों की सबसे ज्यादा लोडिग वाले पूर्व मध्य रेलवे के बिल्ल
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : उप खनिजों की सबसे ज्यादा लोडिग वाले पूर्व मध्य रेलवे के बिल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन के गिरते राजस्व को लेकर रेलवे विभाग ने सक्रियता बढ़ाई है। खासकर बिल्ली मारकुंडी पत्थर खनन क्षेत्र से जाने वाले ब्लास्ट मैटेरियल की लोडिग लगभग बंद होने के कारण रेलवे को करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। जिसको लेकर वाणिज्य यातायात निरीक्षक रेणुकूट मनु राम ने बिल्ली स्टेशन पर खनन व्यापारियों के साथ समीक्षा की। बैठक में व्यापारियों ने बताया कि रेलवे की नीति के साथ कई सुविधाओं के अभाव के कारण बिल्ली स्टेशन से गिट्टी की लोडिग संभव नहीं हो पा रही है। बताया कि खनन व्यवसाय कभी भी आकस्मिक कारणों से बंद हो जाता है। इसके कारण स्टेशन पर गिट्टी स्टाक करने में ज्यादा समय लग जाता है। देरी पर रेलवे द्वारा अतिरिक्त क्षतिपूर्ति ली जाती है। इससे व्यापारियों को काफी नुकसान होता है। इसलिए व्यापारियों को सड़क मार्ग से गिट्टी आपूर्ति करनी पड़ रही है। व्यापारियों ने जगह कम होने को देखते हुए प्लेटफार्म एक के अलावा प्लेटफार्म पांच पर भी लोडिग की अनुमति दिए जाने की मांग की। इसके अलावा स्टेशन पर प्रकाश की व्यवस्था, स्टेशन तक आने वाले क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत, गिट्टी स्टैकिग का समय बढ़ाने, लोडिग का समय पांच घंटे की जगह सात घंटे करने पर विशेष चर्चा की गई। समीक्षा के दौरान क्षतिग्रस्त बोगी नहीं दिए जाने के साथ बोगी आने की सूचना 12 घंटे पहले दिए जाने की मांग की। बताया कि पहले से सूचना होने पर व्यापारी लोडर, लेबर सहित अन्य स्टाफ की व्यवस्था कर सकेगा। इन विसंगतियों के दूर होने से पुन: व्यापारी रेल द्वारा माल ढुलाई के लिए आकर्षित होगा। बैठक में पाइओ साफ्ट इनफार्मेशन टेक्नालाजी प्राइवेट लिमिटेड, छात्र शक्ति, वैभव ग्रुप, श्री वैष्णो माइनिग एंड कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधियों सहित रेलवे सहित रेलवे पुलिस के कर्मचारी मौजूद रहे। रेलवे को हो रहा भारी नुक्सान
पिछले कई वर्षों से बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र की बुरी हालत का सीधा असर बिल्ली रेलवे स्टेशन के राजस्व पर पड़ा है। इस दौरान पत्थर खनन 80 फीसद तक कम होने से रेलवे से गिट्टी की ढुलाई लगभग बंद हालत में है। लगभग 58 बोगी वाले मालगाड़ी में लगभग 3894 टन गिट्टी जाती है। पिछले कई वर्षों से अपेक्षित मात्रा में गिट्टी नहीं मिल पा रही है। वर्ष 2017 से 2019 के बीच दिल्ली-हावड़ा मालवाहक रेल कोरिडोर के केवल इलाहाबाद से मुगलसराय सेक्शन के बीच में बनने वाले हिस्से के लिए ही छह लाख घनमीटर गिट्टी की सप्लाई बिल्ली मारकुंडी से की जानी थी।इस कॉरिडोर के नजदीकी हिस्सों में 10 लाख घनमीटर से ज्यादा की आपूर्ति का लक्ष्य सम्भावित था। लेकिन बिल्ली मारकुंडी से तय आपूर्ति लक्ष्य के पूरा नहीं होने को देखते हुए रेलवे ने मध्य प्रदेश से गिट्टी मंगा ली थी। इसमें ज्यादातर गिट्टी बिल्ली स्टेशन से ही जानी थी।