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काम ठप कर कोल श्रमिकों ने की हड़ताल

जागरण संवाददाता अनपरा (सोनभद्र) एनसीएल की कोल परियोजनाओं में गुरुवार को एटक इंटक।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 10:02 PM (IST)
काम ठप कर कोल श्रमिकों ने की हड़ताल
काम ठप कर कोल श्रमिकों ने की हड़ताल

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : एनसीएल की कोल परियोजनाओं में गुरुवार को एटक, इंटक, सीटू, एचएमएस श्रमिक संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल किया। अलसुबह प्रथम पाली में ही हड़ताली कर्मी झंडा-बैनर लेकर खदान जाने वाले सभी मार्गों पर डट गए। वहां पर सरकार व कोल प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अपनी प्रमुख मांगों के संदर्भ में कहा कि कोल ब्लाकों के व्यावसायिक खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए। सीएमपीएफ को इपीएफ में विलय करने की योजना पर विराम लगाया जाय। सीएमपीडीआइ को कोल इंडिया से अलग करने की साजिश को बंद किया जाय। संगठन के पदाधिकारी सुबह चार बजे से लेकर रात्रि पाली आठ बजे तक सभी जगहों पर चक्रमण कर हड़ताल को सफल बनाने में जुटे रहे। खदान क्षेत्र के प्रमुख द्वार पर निजी वाहनों को प्रवेश नहीं करने दिया। सड़क मार्ग से कोयला प्रेषण पर हड़ताली कर्मियों ने काफी प्रभाव डाला। रेल मार्ग से कोल परिवहन जारी रहा। सैकड़ों ट्रेलर कोल खदानों में लोड लेकर खड़े रहे। खदान के संपर्क मार्ग संगठनों के झंडे-बैनर से पटे रहे। सभी शिफ्टों में जमकर नारेबाजी की गई। हड़ताल से निबटने के लिए प्रबंधन द्वारा माकूल तैयारी की गई थी। सभी प्रमुख जगहों पर सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए थे। स्थानीय पुलिस भी शांति-व्यवस्था के मद्देनजर सभी जगहों पर मुस्तैद रही। हड़ताल में शामिल संगठनों ने इस हड़ताल को पूर्णतया सफल बताया।

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वहीं परियोजना प्रबंधन इस हड़ताल को आंशिक बताया। कहा कि परियोजना का उत्पादन व उत्पादकता निर्बाध गति से जारी रहा। संगठन के पदाधिकारी अशोक दुबे, ओपी मालवीय, पीएस पांडेय, अशोक कुमार पांडेय, अजय कुमार, त्रिभुवन सिंह, संजीव सिंह, इंद्रजीत पांडेय आदि हड़ताल को लेकर काफी सजग रहे।

हड़ताल का कोई असर नहीं

भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध बीएमएस के महामंत्री अरुण कुमार दुबे व बीना के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस हड़ताल का कोई असर नहीं रहा। परियोजना के सभी काम सुचारू रूप से संचालित होते रहे। हड़ताल में शामिल श्रमिक संगठनों के भी तमाम सदस्यों ने ड्यूटी की। सभी कोल कर्मी जानते थे कि यह हड़ताल राजनीतिक रूप से जुड़ा है।


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