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कोल व तापीय परियोजनाएं पूरी क्षमता से कर रहीं उत्पादन

लॉकडाउन के चलते देश में उपजी विषम परिस्थितियों के बीच कोल व तापीय परियोजनाओं द्वारा निर्बाध गति से उत्पादन-उत्पादकता जारी किए हुए है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 04:51 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 04:51 PM (IST)
कोल व तापीय परियोजनाएं पूरी क्षमता से कर रहीं उत्पादन
कोल व तापीय परियोजनाएं पूरी क्षमता से कर रहीं उत्पादन

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : लॉकडाउन के चलते देश में उपजी विषम परिस्थितियों के बीच कोल व तापीय परियोजनाओं द्वारा निर्बाध गति से उत्पादन जारी है। सभी कोल परियोजनाएं निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन कर रही हैं। हालांकि विभिन्न परियोजनाओं द्वारा कोयले की मांग में कमी की गई है, जिससे एनसीएल को लॉकडाउन के दौरान लगभग 20 से 25 प्रतिशत कोयला प्रेषण में कमी आने की संभावना जतायी जा रही है। एनसीएल को इस वित्तीय वर्ष में 113.25 मिली. टन कोयला खनन व प्रेषण का लक्ष्य दिया गया है। विभिन्न कोल परियोजनाओं के खनन व प्रेषण का लक्ष्य

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अमलोरी परियोजना को इस वर्ष 14 मिली. टन कोयला खनन व प्रेषण करना हैं। इस परियोजना का अधिकांश कोयला रेल मार्ग से रिहंद परियोजना को जाता है। जयंत परियोजना को 20 मिली. टन कोयला खनन व प्रेषण करना है। इस परियोजना का कोयला एनटीपीसी सिगरौली (शक्तिनगर) को जाता है। निगाही परियोजना को 20 मिली. टन कोयला खनन व प्रेषण करना है। यहां का कोयला एनटीपीसी विध्याचल को जाता है। कृष्णशिला परियोजना को सात मिली. टन कोयला खनन व प्रेषण करने को है। जिसमें यहां का अधिकांश कोयला रेणुसागर पावर प्रोजेक्ट को जाता है। बीना परियोजना को नौ मिली. टन कोयला खनन व प्रेषण करना है। यहां का कोयला ज्यादातर अनपरा तापीय परियोजना को जाता है। इसी क्रम में झिगुरदा क्षेत्र को 2.68 मिली. टन, ककरी क्षेत्र को 2.10 मिली. टन, खड़िया क्षेत्र को 12 मिली. टन, ब्लाक-बी क्षेत्र को 5.47 मिली. टन कोयला खनन व प्रेषण करना है। इन कोल परियोजनाओं का अधिकांश कोयला अनपरा, लैंको रेणुसागर आदि जगहों पर जाता है। कुछ प्रतिशत कोयला सड़क मार्ग से भी विभिन्न मंडियों व अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों में प्रेषण किए जाते हैं। प्रचुर मात्रा में भंडारण है कोयला तापीय परियजनाओं में

2630 मेगा. क्षमता वाली अनपरा थर्मल पावर प्रोजेक्ट में 10 से 12 दिन तक का कोयले का स्टाक है। इनमें अ परियोजना में एक लाख 38 हजार टन, ब परियोजना में एक लाख 36 हजार टन, डी परियोजना में एक लाख 25 हजार टन कोयला का स्टाक है। अ परियोजना में प्रतिदिन 11.5 हजार टन, ब परियोजना में 15 हजार टन, डी परियोजना में 14 हजार टन कोयले की खपत होती है। एनटीपीसी सिगरौली (शक्तिनगर) में 15 दिन का कोयला भंडारित हैं। इस परियोजना में प्रतिदिन 20 से 25 हजार टन कोयला की खपत प्रतिदिन होती हैं। एनटीपीसी रिहंद में एक सप्ताह तक का कोयला भंडारण में हैं। प्रतिदिन 40 से 42 हजार टन कोयला परियोजना में खपत होता है। बोले कोल व तापीय परियोजना के पीआरओ

एनसीएल के पीआरओ रामविजय सिंह ने कहा कि पूर्ण क्षमता से सभी कोल परियोजनाएं उत्पादन कर रही हैं। लॉकडाउन के चलते कोयले के प्रेषण में लगभग 20 प्रतिशत की कमी आयी है। अनपरा तापीय परियोजना के अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मांग के अनुरूप विद्युत उत्पादन निर्बाध गति में जारी हैं। एनटीपीसी शक्तिनगर के पीआरओ आदेश पांडे ने कहा कहा कि लॉकडाउन में भी बिजली की मांग में कोई कमी नहीं आयी है। इस परियोजना की बिजली लगभग एक रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट यानि काफी सस्ती हैं। एनटीपीसी रिहंद के पीआरओ प्रशांत चंद्रा ने कहा कि परियोजना के सभी कार्य लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए निर्बाध गति से जारी है।


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