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रेफर सेंटर बनकर रह गया सीएचसी म्योरपुर

ब्लाक के हजारों लोगों के उपचार का एकमात्र साधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र म्योरपुर है। जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों का उपचार भी होता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भीड़ तो समय के साथ बढ़ती गई लेकिन यहां पर चिकित्सकों की तैनाती नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 06:27 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 06:27 PM (IST)
रेफर सेंटर बनकर रह गया सीएचसी म्योरपुर
रेफर सेंटर बनकर रह गया सीएचसी म्योरपुर

जासं, म्योरपुर (सोनभद्र) : ब्लाक के हजारों लोगों के उपचार का एकमात्र साधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र म्योरपुर है। जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों का उपचार भी होता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भीड़ तो समय के साथ बढ़ती गई लेकिन यहां पर चिकित्सकों की तैनाती नहीं हुई। चिकित्सकों के न होने से गरीब व असहाय लोगों को तमाम तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण कितने मरीजों की मौत भी हो चुकी है। वर्तमान समय में चिकित्सकों की कमी के कारण यह अस्पताल रेफर केंद्र बनकर रह गया है।

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अस्पताल में महिला चिकित्सक के न होने के कारण स्थिति और भी दयनीय हो जाती है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के गरीब लोग अकारण प्राइवेट अस्पतालों का चक्कर काटते हैं जबकि अस्पताल में महिला चिकित्सक की तैनाती की मांग काफी लंबे समय से की जा रही है। ग्रामीण रामदेव तिवारी व बसंत पाल ने बताया कि यह अस्पताल मौसमी बीमारी के इलाज तक ही सीमित हो गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यहां पर जल्द से जल्द चिकित्सकों की संख्या बढ़ाया जाय।


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