मृदुल स्वभाव के चितरंजन सभी के थे प्यारे
भाजपा युवानेता चितरंजन गिरी की सड़क दुर्घटना में हुई मौत की सूचना रविवार की सुबह मिलते ही पूरे क्षेत्र में सन्नाटा छा गया। लोग एक दुसरे से घटना की पुष्टि करते हुए उनके कार्य-ब्यवहार की चर्चा करते रहे।
जासं, शक्तिनगर (सोनभद्र) : झारखंड राज्य के गढ़वा जिले में नगवां ब्लाक प्रमुख प्रशांत सिंह के साथ रविवार की सुबह सड़क हादसे में भाजपा युवानेता चितरंजन गिरी मौत की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में सन्नाटा छा गया। लोग एक-दूसरे से घटना की पुष्टि करते हुए उनके कार्य व्यवहार की चर्चा करते रहे। निमियाटांड स्थित उनके आवास पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
बता दें कि चितरंजन गिरी के वयोवृद्ध बाबा सूरज गिरी क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों में गिने जाते हैं। उनकी पृष्ठभूमि जनसंघ से एवं भाजपा से जुड़ी रही है। चितरंजन गिरी भी अपने बाबा एवं पिता लालबाबू की विचारधारा को अपनाते हुए बचपन से ही आरएसएस की शाखा से जुड़े थे। विद्याभारती के विद्यालय विवेकानन्द वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से इंटर उत्तीर्ण कर जबलपुर से उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। विद्यार्थी राजनीति से प्रेरित होकर वे भाजपा आइटी सेल सोनभद्र के सह जिला संयोजक पद पर कार्य कर रहे थे। क्षेत्र में वे युवानेता के रूप में पहचाने जाते थे। अपने हंसमुख चेहरे व मृदुल स्वभाव के कारण 25 वर्ष की अल्पायु में ही वे सांसद, विधायक, मंत्रियों एवं बड़े नेताओं के अच्छे सम्पर्क में आ गए थे। दो भाइयों में बड़े होने के बाद भी अपनी शादी न करके इसी वर्ष अपने छोटे भाई की शादी कराई थी जो गांव में ही दुकान चलाते हैं। विवाहित एक बहन है जो जबलपुर में रहती हैं। परिवार की इनसे बड़ी उम्मीद थी। शव घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। शव को संजीवनी में रखकर जबलपुर से बहन के आने का इन्तजार किया जा रहा है।