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टूटी पुलिया बढ़ा रही दर्द, आवास और शौचालय अधूरे

बभनी विकास खंड के पोखरा गांव में विकास की रफ्तार काफी धीमी है। ब्लाक से सटा होने के बावजूद भी गांव का समग्र विकास नहीं हो सका। टूटी पुलिया खराब सड़क व हैडपंपों के खराब होने से पेयजल की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 10:45 PM (IST)
टूटी पुलिया बढ़ा रही दर्द, आवास और शौचालय अधूरे
टूटी पुलिया बढ़ा रही दर्द, आवास और शौचालय अधूरे

जागरण संवाददाता, आसनडीह (सोनभद्र) : बभनी विकास खंड के पोखरा गांव में विकास की रफ्तार काफी धीमी है। ब्लाक से सटा होने के बावजूद भी गांव का समग्र विकास नहीं हो सका। टूटी पुलिया, खराब सड़क व हैडपंपों के खराब होने से पेयजल की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है।

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पोखरा गांव की मुख्य सड़क कि हालत बेहद खराब है। विगत चार साल से टूटी पुलिया लोगों को दर्द दे रही है। पुलिया के टूटने से पूरे गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित है। ग्रामीणों को बभनी बाजार तक आने के लिए तीन गांवों का चक्कर लगाना पड़ता है। आवागमन बाधित होने से गांव का अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है। सरकार एक ओर जहां पूरे प्रदेश की खराब सड़कों को ठीक कराने का अभियान चलाया था वहीं वहीं पोखरा गांव के लोग चार साल से टूटी पुलिया के बनने का इंतजार कर रहे हैं। विकास के लिए सड़क, बिजली व पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरुरत होती हैं। वहीं इन सब चीजों से पोखरा के ग्रामीण वंचित हैं। ग्राम पंचायत में लगाए गए 140 हैंडपंपों में से आधा से अधिक खराब है। इसके चलते लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। सबसे अधिक गर्मी के मौसम में परेशानी उठानी पड़ती है। शौचालय तो बनाए गए हैं, लेकिन वह मानकों के विपरीत हैं। शौचालय अधूरे पड़े हैं, जो खड़े हैं वह भी इस्तेमाल के लायक नहीं है। किसी का दरवाजा नहीं है तो किसी में छत नहीं पड़ी है। इसके चलते शौचालयों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। विगत कई वर्षो से आवास अधूरे हैं। लाभार्थियों का कहना है कि पैसा नहीं मिल पाया, जिसके चलते आवास पूरे नहीं हुए। सड़क की हालत सबसे ज्यादा खराब है। ग्रामीण विवेक कुमार ने कहा कि गांव के विकास को विगत चार सालों से ग्रहण लग गया है। पोखरा गांव को अन्य गांव से जोड़ने वाली सड़क की पुलिया चार साल से टूटी है। शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रह्लाद ने कहा कि गांव में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। गर्मी में सरकारी हैंडपंप साथ छोड़ देते हैं। कमलेश ने कहा कि शौचालय के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन हमको नहीं मिला। गांव में अभी बहुत से विकास कार्य कराए जाने बाकी है। शासन से मिले धन से हुआ काम

निवर्तमान ग्राम प्रधान शंभू गुप्ता ने बताया कि गांव के विकास के लिए शासन से जो धन मिला उससे काम कराया गया है। सड़क, आवास, शौचालय का काम कराया गया है। कई हैंडपंपों का रिबोर कराया गया है। गांव के किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। जनसंख्या और मतदाता

ग्राम पंचायत पोखरा की जनसंख्या 4156 व मतदाता 3213 हैं। इसमें पुरुष 1703 व महिला 1510 मतदाता हैं। पोखरा गांव की चौहद्दी

पूरब में चैनपुर, पश्चिम बभनी, उत्तर धनवार व दक्षिण में इकदरी ग्राम पंचायतें हैं।

मत्थे का आंकड़ा

140

हैंडपंप गांव में लगाया है। इसमें कई के खराब होने से लोगों को परेशानी हो रही है।

4156

है ग्राम पंचायत पोखरा की जनसंख्या, गांव में मूलभूत सुविधाओं की दरकार।


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