ऊर्जांचल में भी धूमधाम से मना भईया दूज
जागरण संवाददाता अनपरा (सोनभद्र) भाई-बहन के प्रेम का शाश्वत पर्व भइया दूज सोमवार को ऊर्जांचल।
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : भाई-बहन के प्रेम का शाश्वत पर्व भइया दूज सोमवार को ऊर्जांचल की औद्योगिक कालोनियों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धाभाव से मनाया गया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है। इसमें बहनें पूजन करने तक व्रत रहती हैं।
मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन की पत्नी का नाम दूज था। इसलिए शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को यह पर्व मनाया जाता हैं। गोवर्धन की पत्नी कृष्ण से भातृत्व प्रेम करती थी। इस भाई-बहन के प्रेम को अमर करने के लिए वह बलि पर चढ़ी तथा श्राप को अंगीकृत की। इस दिन बहन अपने भाई को व्रत रहकर श्राप देगी तथा मिठाइयां खिलाएंगी तो भाई-बहन का प्रेम बना रहेगा। भइया दूज का पर्व हमारी भारतीय संस्कृति की एक अनूठी विरासत हैं। यह हमारे देश को एक सांस्कृतिक सूत्र में बांधने का काम करती हैं। दुद्धी तहसील मुख्यालय एवं आसपास के क्षेत्रों में सोमवार को भाईया दूज का पर्व मनाया गया। कई स्थानों पर समूह में जुटी महिलाओं ने अपने भाई की सलामती के लिए विधि विधान पूर्वक पूजन किया।