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बांस-बल्ली के पुल से ग्रामीण कर रहे आवागमन

जागरण संवाददाता डाला (सोनभद्र) चोपन ब्लाक के कोटा के जरंगाखाड़ी नाले पर बांस-बल्ली ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 06:51 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 06:51 PM (IST)
बांस-बल्ली के पुल से ग्रामीण कर रहे आवागमन
बांस-बल्ली के पुल से ग्रामीण कर रहे आवागमन

जागरण संवाददाता, डाला (सोनभद्र) : चोपन ब्लाक के कोटा के जरंगाखाड़ी नाले पर बांस-बल्ली के सहारे बनाया गया पुल पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है। जान हथेली पर रखकर बच्चे व बुजुर्ग इस पुल पर आवागमन करते हैं। इसको लेकर जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं। इससे किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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चोपन विकास खंड का कोटा ग्राम पंचायत जनसंख्या के साथ-साथ क्षेत्रफल के लिहाज से भी बहुत बड़ी ग्राम पंचायत है। जहां एक-दो नहीं बल्कि 56 प्रमुख टोले हैं। यहां के अधिकतर टोले ऊंचे पहाड़ों व सर्वाधिक जंगलों से आच्छादित क्षेत्रों के बीच बसा हुए हैं। कोटा ग्राम पंचायत का एक ऐसा ही टोला है जिसे जरंगाखाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसके दक्षिण भाग में गहरा नाला बहता है, जिसमें वर्ष भर पानी भरा रहता है। नाले के दूसरी तरफ घनघोर पहाड़ियों पर चालीसों की संख्या में लोग जगह-जगह घर बनाकर निवास करते चले आ रहे हैं। आवागमन के लिए ग्रामीणों को स्वयं ही नाले पर बांस-बल्ली वाला पुल (टटरा) बनाया है। इससे बड़े, बच्चे व बुजुर्ग आवागमन करते रहते हैं। बांस-बल्लियों से बनाया गया पुल जर्जर हो चुका है। इस पर से होकर गुजरना जान जोखिम में डालने के बराबर है। लगभग बीस फीट चौड़े नाले पर बने पुल से एक साथ लोग न जाकर बारी-बारी से गुजरते हैं। टोले के रहवासी जग प्रसाद गोंड़, छोटेलाल, राम प्रसाद, सोमारू, रामू, रामचंद्र, मुन्ना, राजेंद्र, देवलाल, पारस आदि ने बताया कि बारिश के दिनों में वे लोग काला पानी की तरह अपना जीवन बसर करते हैं। रात में किसी भी सदस्य के बीमार होने पर कोई वाहन उनके बस्तियों तक नहीं पहुंच पाता है। बारिश के दिनों में सबसे बड़ी समस्या बच्चों को स्कूल जाने में होती है। रास्ते के अभाव के कारण कई दिनों तक स्कूल जाने से वंचित रह जाते हैं।

टोले में नहीं है हैंडपंप

जरंगाखाड़ी टोले में एक भी हैंडपंप नहीं है। नाले के समीप यहां के लोगों की तरफ से एक कूप का निर्माण किया गया है। जो प्रत्येक वर्ष बारिश के समय भर जाता है। इसका पानी पूरी तरह प्रदूषित हो जाता है। मजबूरी में लोग इसी नाले का पानी पीकर अपना जीवन बसर करते हैं। कोटा ग्राम पंचायत के जरंगाखाड़ी नाले पर पुलिया का निर्माण कराने का प्रस्ताव बनाकर दिया जा चुका है। सचिव के न होने के कारण कार्य शुरू नहीं हो सका। सचिव के आने पर पुलिया का निर्माण कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

-मुरहिया देवी, ग्राम प्रधान कोटा।


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