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आक्रोशित ग्रामीणों ने परिवर्तित मार्ग को अवरुद्ध कर मचाया हंगामा

जागरण संवाददाता दुद्धी (सोनभद्र) तहसील मुख्यालय से सटे बीड़र गांव में रविवार की सुबह करीब आठ बजे उस वक्त हंगामा मच गया जब दर्जनों की संख्या में गांव के चौराहे पर जुटे लोगों ने लौवा नदी के परिवर्तित मार्ग को बांस बल्ली लगाकर बंद कर दिया। इससे दोनों तरफ छोटे वाहनों की कतार लग गई। हो-हल्ला हंगामे में फंसे यात्री ग्रामीणों से अनुनय विनय करते रहे कितु कोई उनकी सुनने वाला नहीं था। करीब घंटे भर के मान मनौव्वल के बावजूद आक्रोशित ग्रामीण गांव की सड़क खोलने को राजी नहीं हुए। इसकी भनक जैसे ही कोतवाल पंकज सिंह को लगी वे तत्काल मौके पर कुछ पुलिस कर्मियों को भेजते हुए ग्राम प्रधान से बात कर तत्काल रास्ता खोलने की बात कही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 11:40 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 11:40 PM (IST)
आक्रोशित ग्रामीणों ने परिवर्तित मार्ग को अवरुद्ध कर मचाया हंगामा
आक्रोशित ग्रामीणों ने परिवर्तित मार्ग को अवरुद्ध कर मचाया हंगामा

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : तहसील मुख्यालय से सटे बीड़र गांव में रविवार की सुबह करीब आठ बजे उस वक्त हंगामा मच गया, जब दर्जनों की संख्या में गांव के चौराहे पर जुटे लोगों ने लौवा नदी के परिवर्तित मार्ग को बांस बल्ली लगाकर बंद कर दिया। इससे दोनों तरफ छोटे वाहनों की कतार लग गई। हो-हल्ला हंगामे में फंसे यात्री ग्रामीणों से अनुनय विनय करते रहे, कितु कोई उनकी सुनने वाला नहीं था। करीब घंटे भर के मान मनौव्वल के बावजूद आक्रोशित ग्रामीण गांव की सड़क खोलने को राजी नहीं हुए। इसकी भनक जैसे ही कोतवाल पंकज सिंह को लगी, वे तत्काल मौके पर कुछ पुलिस कर्मियों को भेजते हुए ग्राम प्रधान से बात कर तत्काल रास्ता खोलने की बात कही।

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प्रधान के हस्तक्षेप के बाद नाराज ग्रामीण किसी तरह शांत होकर रास्ते से बांस बल्ली हटाया। तब कहीं जाकर उस मार्ग पर आवाजाही शुरू हो पाई। दरअसल शनिवार की शाम लौवा नदी के विकराल स्वरूप को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा की ²ष्टि से अस्थाई रपटे पर चल रहे छोटे वाहनों की भी आवाजाही को रोक दी। जबकि भारी वाहन महीनों से प्रतिबंधित है। रपटे पर रोक लगने के बाद छोटे वाहनों को रेलवे स्टेशन रोड से बीड़र गांव की ओर जाने वाले एक ग्रामीण संपर्क मार्ग से निकाला जा रहा था। इस पर कुछ सवारी बस भी चलने लगी। आक्रोशित ग्रामीणों का तर्क था कि करीब दशक भर पूर्व निर्मित संपर्क मार्ग वाहनों की आवाजाही से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। यदि इसी तरह वाहन चलते रहे, तो इस मार्ग पर पैदल चलने में भी मुश्किल होने लगेगी। हंगामे की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधान सुरेश चंद्र ने कोतवाल पंकज सिंह को ग्रामीणों की बातों से रूबरू कराया तो उन्होंने भरोसा दिया कि उक्त संपर्क मार्ग पर एक भी भारी वाहन को नहीं चलने दिया जाएगा। सिर्फ चार, तीन व दो पहिया वाहनों को ही उस संपर्क मार्ग से निकाला जाएगा। कोतवाल के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने तत्काल बांस बल्ली हटाकर रास्ता चालू कर दिया।


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